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Hindi News गुजरात अंतरराष्ट्रीय पुष्प प्रदर्शनी में करें 10 लाख से ज्यादा फूलों का दीदार, जानें कितने में मिलेगा टिकट

अंतरराष्ट्रीय पुष्प प्रदर्शनी में करें 10 लाख से ज्यादा फूलों का दीदार, जानें कितने में मिलेगा टिकट

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शुक्रवार को साबरमती रिवरफ्रंट पर अहमदाबाद इंटरनेशनल फ्लावर शो 2025 का उद्घाटन किया। यह हजारों आगंतुकों को आकर्षित करने के लिए तैयार है। यह 22 जनवरी तक जनता के लिए खुला रहेगा।

मुख्यमंत्री ने...- India TV Hindi Image Source : X@BHUPENDRAPBJP मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद में अंतरराष्ट्रीय पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

अहमदाबादः गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने शुक्रवार को साबरमती रिवरफ्रंट पर अंतरराष्ट्रीय पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह 22 जनवरी तक जनता के लिए खुला रहेगा। इस शो को छह जोन में विभाजित किया गया है, जिसमें 50 प्रजातियों के 10 लाख से अधिक फूल और मिट्टी की बनी 30 से अधिक मूर्तियां प्रदर्शित की गई हैं।

70 से 100 रुपये है टिकट की कीमत

इस साल फूल प्रदर्शनी देखने के लिए हजारों लोग आ सकते हैं। आगंतुक पूरे आयोजन स्थल पर उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन करके फूलों, मिट्टी की मूर्तियों और जोन के बारे में अधिक जानने के लिए ऑडियो गाइड का उपयोग कर सकते हैं। आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, शनिवार व रविवार को प्रवेश शुल्क 100 रुपये और सोमवार से शुक्रवार तक 70 रुपये है।

Image Source : X@Bhupendrapbjpमुख्यमंत्री ने अहमदाबाद में अंतरराष्ट्रीय पुष्प प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

पिछले वर्ष इस प्रदर्शनी में लगभग 20 लाख आगंतुक आए थे और इस वर्ष यह रिकॉर्ड टूट जाएगा। पिछले वर्ष ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में प्रदर्शनी को बहुचर्चित 400 मीटर लंबी फूलों की दीवार के लिए उल्लेखित किया गया था। पहली पुष्प प्रदर्शनी ‘साबरमती रिवरफ्रंट’ पर 2013 में आयोजित की गयी थी।

 क्या है छह जोन में

जोन-1: देश की वृद्धि और विकास पर केंद्रित है, जिसमें हाथियों की फूलों की मूर्तियां, कमल, मेहराब और कोणार्क चक्र जैसे प्रतिष्ठित प्रतीक शामिल हैं। बच्चों के लिए भी यहां विशेष आकर्षण हैं।
जोन 2: इसमें बाघ, मोर, राजहंस और एशियाई शेर जैसे जानवरों की मूर्तियां प्रदर्शित की जाती हैं, जो भारत की समृद्ध जैव विविधता का प्रतीक हैं।
जोन 3: जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने में भारत के वैश्विक नेतृत्व को चित्रित करता है, जो एक स्थायी भविष्य पर जोर देता है।
ज़ोन 4 और 5 विभिन्न प्रतिष्ठानों और पुष्प कला के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता को उजागर करते हैं।
जोन 6: इसमें भारत की आकांक्षाओं को दर्शाया गया है, जिसमें 2036 ओलंपिक, गांधीजी के तीन बंदर और वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है) की दृष्टि जैसे विषय शामिल हैं।