अहमदाबाद: गुजरात में विधानसभा उपचुनाव में आठ सीटों पर भाजपा की जीत कांग्रेस की कीमत पर हुई है और उसका जनाधार सिकुड़ता नजर आ रहा है। कांग्रेस ने दिसंबर, 2017 के विधानसभा चुनाव में 77 सीटें जीती थीं। मंगलवार की जीत के बाद 182 सदस्यीय विधानसभा में अब भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 111 हो गयी है जबकि कांग्रेस के विधायक घटकर 65 रह गये। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 77 और भाजपा ने 99 सीटें जीती थीं। तब से भाजपा कांग्रेस को नुकसान पहुंचाती आ रही है।
दिसंबर, 2018 के उपचुनाव में कांग्रेस के दिग्गज रहे कुंवरजी बावलिया ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। इस तरह, विधानसभा में कांग्रेस का संख्याबल घटकर 76 रह गया था जबकि भाजपा के सदस्यों की संख्या बढ़कर 100 हो गयी थी। मई, 2019 में भाजपा ने सभी चार सीटें जीती थीं, जो कांग्रेस के विधायकों के इस्तीफे से रिक्त हुई थीं।
बाद में कांग्रेस के दो और विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। साथ ही भाजपा के चार विधायकों के सांसद बनने के बाद इस्तीफा देने पर भी चार सीटें खाली हुई थीं। इसके बाद अक्टूबर 2019 में छह सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इनमें से भाजपा और कांग्रेस ने तीन -तीन सीटें जीतीं थीं।
इससे विधानसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 103 जबकि कांग्रेस के विधायकों की संख्या 73 हो गई थी। इस साल राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के आठ विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। इस तरह कांग्रेस के विधायक घटकर 65 रह गये। इन आठ सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव हुए।