गुजरात के मोरबी में हुए ब्रिज हादसे के बाद केंद्र और राज्य स्तर पर गंभीरता के साथ जांच की जा रही है। इसी बीच खबर है कि गुजरात शहरी विकास विभाग ने मोरबी पुल हादसे में 51 बच्चों सहित 141 लोगों की मौत के बाद मोरबी नगरपालिका के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप सिंह जाला को निलंबित कर दिया है। नगरीय विकास विभाग के सूत्रों के अनुसार जाला राजकोट में क्षेत्रीय नगर आयुक्त कार्यालय में तैनात हैं, उन्हें उच्चाधिकारियों या सरकार की अनुमति के बिना शहर नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
दो घंटे तक की गई थी पूछताछ
हालांकि इस बारे में कलेक्टर ने कोई जानकारी नहीं दी है। जांच अधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक एसए जाला ने मोरबी नगरपालिका और ओरेवा समूह की अजंता मैन्युफैक्च रिंग कंपनी के बीच हुए अनुबंध के संबंध में जाला से करीब दो घंटे तक पूछताछ की थी। पुलिस ने जांच के दौरान ओरेवा के कार्यालय से दस्तावेज एकत्र किए, जिसमें उन्हें 2007 के अनुबंध के दस्तावेज भी मिले हैं।
छठ महापर्व मनाने के दौरान रविवार को हुआ था हादसा
गौरतलब है कि गुजरात के मोरबी में छठ महापर्व के दिन मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बने ब्रिटिश काल का पुल टूट गया था। रविवार शाम को गुजरात के मोरबी में यह दर्दनाक हादसा हुआ था। यहां मच्छु नदी में बना केबल ब्रिज टूटने से कई लोग नदी में गिर गए थे। ये हादसा शाम के समय हुआ, जब लोग छठ मना रहे थे।
युद्ध स्तर पर चलाया गया तलाशी अभियान
इस घटना के बाद युद्ध स्तर पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा था। मोरबी की घटना के बाद पीएम मोदी ने आपात बैठक की थी और जांच अभियान तेज करने के आदेश दिए थे। प्रशासन और शासन के स्तर पर तेजी के साथ मोरबी हादसे के बाद कार्रवाई की गई है। रविवार को इस हादसे के तुरंत बाद रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका, 14 नवंबर को सुनवाई
गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की गई थी, जिसपर कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। मामले में पहली सुनवाई आगामी 14 नवंबर 2022 को होगी। बताया जा रहा है कि पुल पर सैकड़ों लोग मौजूद थे। लोगों का वजन इतना था कि केबल पुल अचानक टूट गया और लोग सीधे नदी में गिर गए।