दबंगों ने कर दी दलित की पिटाई, क्यों? क्योंकि उसने पहन लिए नए कपड़े और लगा लिया चश्मा
गुजरात में बनासकांठा जिले में हुए इस मामले के बारे में पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर सात आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बनासकांठा: कहने के लिए हमारे देश में छुआछूत और भेदभाव समाप्त हो चुका है। किसी व्यक्ति को उसकी जाति को लेकर भेदभाव करना कानूनन अपराध भी है, लेकिन कुछ ऐसे मामले सामने आ जाते हैं, जो यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि क्या यह सिर्फ कानून की किताबों तक ही सीमित है। असल में सच्चाई कुछ और ही है। गुजरात के बनासकांठा में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया।
अच्छे कपड़े पहनना दलित को पड़ गया भारी
गुजरात में बनासकांठा जिले के एक गांव में एक दलित व्यक्ति के अच्छे कपड़े और चश्मा पहन लिया। यह बात ऊंची जाति के कुछ लोगों को अच्छी नहीं लगी तो उन्होंने उस व्यक्ति और उसकी मां पर हमला कर दिया। पुलिस ने बताया कि घटना मंगलवार रात पालनपुर तालुका के मोटा गांव में हुई। उन्होंने बताया कि पीड़ित और उसकी मां का वर्तमान में एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। पीड़ित की मां पर भी आरोपियों द्वारा हमला किया गया।
पुलिस ने सात लोगों पर दर्ज की FIR
उन्होंने बताया कि पीड़ित जिगर शेखालिया द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सात लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने उसकी और उसकी मां की पिटाई की क्योंकि वे उसके अच्छे कपड़े पहनने और चश्मा लगाने से नाराज थे। शिकायत में कहा गया है कि मंगलवार सुबह जब पीड़ित अपने घर के बाहर खड़ा था तो सात आरोपियों में से एक उसके पास आया। उसने पीड़ित को गाली दी और जान से मारने की धमकी देते हुए कहा कि वह इन दिनों बहुत ऊंचा उड़ रहा है।
अच्छे कपड़े क्यों पहने और चश्मा क्यों लगाया?
पुलिस ने बताया कि उसी रात जब शिकायतकर्ता गांव के एक मंदिर के बाहर खड़ा था तो राजपूत समाज के छह आरोपी उसकी ओर आए। हाथ में लाठी लिए हुए आरोपियों ने उससे पूछा कि उसने कपड़े क्यों पहने और चश्मा क्यों लगाया। फिर उन्होंने उसकी पिटाई की और उसे डेयरी पार्लर के पीछे खींच कर ले गए। पुलिस ने शिकायत का हवाला देते हुए बताया कि जब उसकी मां उसे बचाने के लिए दौड़ी तो उसके साथ भी उन लोगों ने मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने उसकी मां के कपड़े भी फाड़ दिए।
अब तक नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी
उन्होंने बताया कि सात आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत दंगा, गैर-कानूनी रूप से इकट्ठा होने, एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने, स्वेच्छा से चोट पहुंचाने, अपमानजनक भाषा का उपयोग करने आदि के तहत गढ़ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के संबंध में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इनपुट - भाषा एजेंसी