अहमदाबाद: गुजरात सरकार ने पेपर लीक की घटनाओं पर काबू पाने के लिए विधानसभा में 'गुजरात सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2023' पेश किया। इसमें पेपर लीक करने वालों को अब 7-10 साल तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। इसमें यह भी कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो प्रश्न पत्र के साथ छेड़छाड़ कर कदाचार करने की साजिश करता या प्रयास करता है, उसे कम से कम पांच साल या उससे ज्यादा 10 वर्ष की अवधि तक के कारावास से दंडित किया जाएगा।
2 सालों के लिए किसी भी सार्वजनिक परीक्षा में नहीं बैठ पाएगा दोषी छात्र
बता दें कि राज्य में एक के बाद एक प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक होने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। विधेयक के अनुसार यदि कोई छात्र दोषी पाया जाता है, तो उसे आगामी 2 वर्षों के लिए किसी भी सार्वजनिक परीक्षा में बैठने से रोक दिया जाएगा। इसके अलावा मामले के दोषियों की संपत्ति कुर्क करके परीक्षा के आयोजन का खर्च वसूलने का भी प्रावधान किया गया है। कांग्रेस ने बजट सत्र से पहले विधानसभा के बाहर पेपर लीक की घटनाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए प्रदर्शन किया।
इस अधिनियम के तहत समावेश किए गए तमाम आरोप गैरजमानती होंगे और इसमें किसी भी प्रकार का समझौता भी नही किया जाएगा। इस अधिनियम के तहत दर्ज आरोपो की जांच पुलिस इंस्पेक्टर या फिर उससे ऊपरी स्तर के अधिकारी ही कर सकेंगे हालांकि DySP स्तर के लेवल की जांच को प्राथमिकता दी जाएगी।
29 अप्रैल को होगी परीक्षा जूनियर क्लर्क की भर्ती परीक्षा
गौरतलब है कि गुजरात पंचायत सेवा चयन मंडल-गांधीनगर की ओर से ली जाने वाली जूनियर क्लर्क की भर्ती परीक्षा का पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था जिसकी वजह से परीक्षा को स्थगित करना पड़ा। अब इस परीक्षा को 29 अप्रेल को लेने की घोषणा की गई है। गुजरात पंचायत सेवा चयन बोर्ड के प्रभारी चेयरमैन आईपीएस हसमुख पटेल ने यह जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी है।