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Hindi News गुजरात Gujarat: गृह मंत्री अमित शाह ने नडाबेट में किया व्यूप्वाइंट का उद्‌घाटन, बाघा बॉर्डर की तरह इन चीजों का लुफ्त ले सकेंगे पर्यटक

Gujarat: गृह मंत्री अमित शाह ने नडाबेट में किया व्यूप्वाइंट का उद्‌घाटन, बाघा बॉर्डर की तरह इन चीजों का लुफ्त ले सकेंगे पर्यटक

नडाबेट में केवल बीएसएफ के जवान ही प्रदर्शन कर सकेंगे। यहां बाघा बॉर्डर की तरह रिट्रीट सेरेमनी नहीं होगी। यानी इस कार्यक्रम में पाकिस्तान की सेना शामिल नहीं होगी। बता दें कि नडाबेट का प्वाइंट भारत-पाक सीमा से 20-25 किलोमीटर पहले बनाया गया है।

Amit Shah- India TV Hindi Image Source : ANI Amit Shah

Highlights

  • नडाबेट में व्यूप्वाइंट का उद्‌घाटन
  • बीएसएफ के जवान करेंगे प्रदर्शन
  • भारत-पाक सीमा से 20-25 किलोमीटर पहले बनाया गया व्यूप्वाइंट

बनासकांठा: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गुजरात के बनासकांठा जिले के नडाबेट में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर दर्शनीय स्थल (व्यूप्वाइंट) का उद्घाटन किया। नडाबेट भारत और पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित है, जहां दर्शनीय स्थल की वजह से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। यह गुजरात का पहला ऐसा बॉर्डर प्वाइंट होगा, जहां बाघा बॉर्डर की तरह दर्शक दीर्घा, फोटो गैलरी और हथियारों-टैंकों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।  

हालांकि नडाबेट में केवल बीएसएफ के जवान ही प्रदर्शन कर सकेंगे। यहां बाघा बॉर्डर की तरह रिट्रीट सेरेमनी नहीं होगी। यानी इस कार्यक्रम में पाकिस्तान की सेना शामिल नहीं होगी। बता दें कि नडाबेट का प्वाइंट भारत-पाक सीमा से 20-25 किलोमीटर पहले बनाया गया है। नडाबेट अहमदाबाद से लगभग 240 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 

गौरतलब है कि 50 साल पहले 1971 में भारत-पाक युद्ध हुआ था, जिसके बाद बांग्लादेश की मुक्ति हुई। 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान पर भारत की जीत के इस मौके को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। 

नडाबेट सीमादर्शन हमारे वीरों की कहानियों को एक बार फिर हमारे सामने रखेगा। इससे गुजरात टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा। यहां 1971 की कहानी को फिर से जीवंत किया गया है। 

टूरिस्ट बॉर्डर पर लगे कंटीले तारों को छूकर महसूस कर पाएंगे। इसके अलावा वह विदेशी पक्षियों और वाच टावर से सूर्यास्त का भी लुफ्त उठा सकेंगे।

यहां टूरिस्टों द्वारा अलग-अलग गतिविधियां की जा सकती हैं। जैसेकि यहां टी-जंक्शन है, जोकि सीमा दर्शन का प्रारंभिक बिंदु है। इसमें अजय प्रहार स्मारक सहित 10 से अधिक विभिन्न गतिविधियां हैं, जो रक्षा की पहली पंक्ति को श्रद्धांजलि है। ये सीमा सुरक्षा बल और भारत के बेटों और बेटियों का सम्मान करती है। ये उन बहादुरों की कहानी है, जिन्होंने अपने कर्तव्य के लिए बलिदान दिया है।

इसके अलावा यहां नाम, नमक, निशान के नाम से आर्ट गैलरी है। इसमें 100 तरह की प्रदर्शनी हैं। ऑडियो-विसुअल एक्स्पेरिंस जोन में विसिटर्स 1971 के भारत-पाक युद्ध के गौरवशाली अतीत की एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री देख सकते हैं। यहां एक मॉडर्न 360-डिग्री बूथ एक्सपीरियंस जोन भी है, जहां "सैंड स्क्रीन" पर प्रोजेक्शन का अपने आप में एक अलग ही अनुभव होगा।

इसके अलावा यहां एडवेंचर एरीना एक्टिविटी जोन है, जहां ज़िप-लाइनिंग, शूटिंग, क्रॉसबो, पेंटबॉल, रॉकेट इजेक्टर वगैरह का लुफ्त लिया जा सकता है। इसके अलावा यहां बीएसएफ को समर्पित एक संग्रहालय भी है, जहां मिग -27 लड़ाकू विमान और बीएसएफ स्तंभ है। इसके साथ सेल्फी भी ली जा सकती है।

यहां ओपन-एयर ऑडिटोरियम में 5,000 की क्षमता वाला रिट्रीट समारोह है, जहां बीएसएफ के जवान ध्वज को औपचारिक रूप से उतारते हैं। 

यहां की खासियत ये है कि पीएम मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब 2006-07 में नडाबेट बॉर्डर पर विजिट के लिए आये थे। जब उन्हें पता लगा कि यहां तैनात BSF के जवानों के लिए पानी की किल्लत है तो उन्होंने केंद्र से मिलने वाली सहयता का इंतजार किए बिना ही सिर्फ 4 महीने में 150 किलोमीटर पाइपलाइन डलवा दी। इससे जवानों की पानी की समस्या खत्म हुई। पीएम मोदी ने उस दौर में ये भी कहा था कि इस जगह को बॉर्डर टूरिस्म के तौर पर विकसित किया जाना चाहिए।