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Hindi News गुजरात करोड़पतियों से भरी गुजरात विधानसभा! 'धनकुबेर' हैं चुनाव जीतकर आए 151 विधायक

करोड़पतियों से भरी गुजरात विधानसभा! 'धनकुबेर' हैं चुनाव जीतकर आए 151 विधायक

गुजरात में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में जीतकर आने वाले 182 विधायकों में से कुल 151 विधायक ‘करोड़पति’ हैं।

गुजरात विधानसभा भवन- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO गुजरात विधानसभा भवन

गुजरात में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में जीतकर आने वाले 182 विधायकों में से कुल 151 विधायक ‘करोड़पति’ हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और गुजरात इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। साल 2017 के चुनावों में जीत हासिल करने वाले ‘करोड़पति’ (एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति) विधायकों की संख्या 141 थी। इस बार विधानसभा में चुनकर आए 83 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं।

किस-किस पार्टी के हैं करोड़पति एमएलए
इस स्टडी से यह पता चला है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 132 विधायक करोड़पति हैं, उसके बाद कांग्रेस के 14, तीन निर्दलीय के अलावा आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी का एक-एक विधायक करोड़पति है। गौरतलब है कि भाजपा ने 182 सदस्यीय सदन में रिकॉर्ड 156 सीट जीतकर गुजरात में लगातार सातवीं बार जीत हासिल की है। इन 151 'करोड़पति' विधायकों में से 73 विधायकों के पास पांच करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है और 73 के पास दो करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये के बीच की संपत्ति है। 

बीजेपी के हैं सबसे अमीर टॉप 3 विधायक
गुजरात में विजेता उम्मीदवार की औसत संपत्ति अब 16.41 करोड़ रुपये है, जो 2017 के आंकड़े 8. 46 करोड़ रुपये से लगभग दोगुनी है। अध्ययन के मुताबिक 661 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ भाजपा के मनसा से विधायक जे एस पटेल सबसे अमीर विधायक हैं। इसके बाद सिद्धपुर से भाजपा के ही विधायक बलवंतसिंह राजपूत (372 करोड़ रुपये) दूसरे स्थान पर जबकि तीसरे स्थान पर भी भाजपा के राजकोट दक्षिण सीट से विधायक रमेश तिलाला (175 करोड़ रुपये) हैं। 

विधायकों की शिक्षा का भी है हिसाब
एडीआर द्वारा किए गए अध्ययन के मुताबिक 74 विधायक फिर से चुने गए और उनकी संपत्ति में औसतन 2.61 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है, जो 2017 की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक है। एडीआर चुनाव सुधारों के लिए काम करता है और विधायकों के स्व-शपथपत्रों का विश्लेषण करने के बाद ऐसी रिपोर्ट तैयार करता है। अध्ययन से पता चलता है कि इस बार चुन कर आए 6 विधायक पीएचडी हैं, 19 विधायक स्नातकोत्तर हैं, 24 स्नातक हैं, 6 डिप्लोमा धारक हैं, 86 विधायकों ने कक्षा पांच से 12वीं कक्षा के बीच पढ़ाई की है, जबकि सात विधायकों ने खुद को ‘साक्षर’ घोषित किया है। उम्र के मामले में दो विधायक 29 साल के हैं जबकि दो 75 वर्ष की उम्र के हैं।