गुजरात: फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट को मिली बड़ी कामयाबी, हाथ लगी 17 लाख कीमत की नकली दवाइयां
गुजरात में फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट को एक नकली दवाइयों की एक बड़ी खेप हाथ लगी है। साथ ही इससे जुड़े एक बड़े रैकेट के बारे में अहम सुराग मिला है। विभाग रैकेट के बारे में तेजी से छानबीन में जुटी हुई है।
अहमदाबाद: गुजरात फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। विभाग ने हाल ही में पूरे राज्य में छापेमारी कर नकली दवाईयों के एक कारोबार का भंडाफोड़ किया है। इस छापेमारी में विभाग को बड़ी मात्रा में नकली दवाइयों का जत्था जब्त किया गया है। जानकारी के मुताबिक, विभाग ने अहमदाबाद में जीवन आवश्यक एवं गंभीर रोगों के उपचार के लिए उपयोग में ली जाने वाली नकली एन्टीबायोटिक दवाइयों का एक बड़ा जत्था बरामद किया है। फूड एंड ड्रग्स विभाग ने जानकारी के आधार पर 21 अक्टूबर को अहमदाबाद के खाडिया इलाके में छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक इनकी कीमत 17 लाख रुपये आंकी गई है।
विभाग को मिली थी जानकारी
फूड एंड ड्रग्स विभाग को जानकारी मिली थी कि वाडा पोल के हाउस नंबर 1722 के दूसरी मंजिल पर रहने वाले खीमाराम सोदाराम कुम्हार के यहां कई नकली दवाइयां रखी हुई हैं, जिसके बाद विभाग ने छापे मारी की। छापेमारी में विभाग ने POSMOX CV 625 (Amoxicillin and Potassium Clavulanate with Lactic Acid Bacillus Tablet) दवाई के 99 बॉक्स जब्त किया गया। जब विभाग ने इन दवाइयों की जांच की तो पता चला की ये सारी दवाइयां नकली हैं। विभाग ने इसके तह में जाने के लिए जांच शुरू और में विभाग को जो पता चला उससे विभाग के होश ही उड़ गए। जांच में विभाग को पता चला कि ये दवाइयां हिमाचल प्रदेश के बड्डी स्थित डी.जी.फार्मास्युटिकल्स द्वारा बनाई गई हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश के फूड एंड ड्रग्स डिपार्टमेंट से बात करने पर पता चला की ऐसी कोई कंपनी है ही नहीं।
जांच में हुआ बड़े रैकेट का खुलासा
इसके बाद विभाग ने आरोपी खीमाराम से कड़ी पूछताछ की। खीराराम ने पूछताछ में बताया कि उसने ये दवाइयां अहमदाबाद के वटवा इलाके की राजनगर सोसाइटी में रहने वाले अरुण कुमार राजेन्द्र सिंह अमेरा से खरीदी थी। विभाग ने जब अरुण कुमार अमेरा से पूछताछ की तो पता चला कि ये चेन काफी लंबी है। अरुण कुमार ने बताया कि उसने ये दवाइयां इसनपुर इलाके के शंकुतल अपार्टमेंट में रहने वाले विपुल देगड़ा से खरीदी थी। फिर विभाग ने विपुल के यहां रेड की, यहां रेड डालने पर विभाग को अलग-अलग 5 नकली एन्टीबायोटिक दवाइयां हाथ लगीं, ये माल भी जब्त कर लिया गया। विभाग ने फिर विपुल से पूछताछ कि तो पता चला कि ये दवाइयां नवरंगपुरा स्थित पारुल सोसाइटी के रहने वाले दर्शनकुमार प्रवीणचन्द्र व्यास से बिना बिल के खरीदी थी। हालांकि दर्शन ने इस बात से इनकार कर दिया, जिसके चलते आगे की जांच जारी है।
बिना बिल की सप्लाई
मिली जानकारी के मुताबिक, विभाग को विपुल देगड़ा की मोबाइल की जांच करने पर पता चला कि उसने नकली एन्टी बायोटिक दवाइयां राज्य के अलग-अलग शहर में डॉक्टर्स और विविध मेडिकल स्टोर्स में बिना बिल के सप्लाई की थी, जिसको लेकर राज्य के नडियाद, सूरत, राजकोट जैसे शहर और अहमदाबाद के दाणीलिमडा, सरखेज जैसे इलाको में छापे मारकर नकली एन्टीबायोटिक दवाइयों का जत्था जब्त कर औषध एवं सौन्दर्य प्रसाधन, 1940 की धारा 18(सी) और उसके तहत नियमों को तोड़ने को लेकर आगे की कार्रवाई शुरू की है। इन लोगों में से कुछ बेनामी कंपनियों के मेडिकल रिप्रेजेन्टेटिव के तौर पर काम कर ये नकली एन्टीबायोटिक दवाइयां डॉक्टर्स तक पहुंचाते थे। हालांकि इन आरोपियों से ज्यादा जानकारी के लिए इन्हें गिरफ्तार कर इसनपुर पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया है। साथ ही ये दवाइयां जीवन रक्षक एवं गंभीर रोगों के ट्रीटमेंट के लिए उपयोग में ली जाती है इसलिए विभाग विश्लेषण रिपोर्ट आने के बाद क़ानूनी कार्रवाई करेगी।
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