गुजरात के छोटा उदयपुर में फर्जी सरकारी कार्यालय! फंड भी किया हासिल, ऐसे पकड़ में आया शातिर ठग
गुजरात के छोटा उदयपुर में ठगी और धोखाधड़ी का ऐसा मामला सामने आया है जिसे जानकर सभी चकित हैं। दरअसल यहां पिछले करीब दो साल से एक फर्जी सरकारी दफ्तर चल रहा था।
छोटा उदयपुर : गुजरात के छोटे उदयपुर जिले में ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है जिसका नाम संदीप राजपूत है। संदीप ने खुद को सरकारी अभियंता बताकर धनराशि जमा की थी, लेकिन यह सब एक फर्जी दफ्तर के माध्यम से किया गया था।
खुद को 'कार्यकारी अभियंता' बताता था ठग
संदीप राजपूत ने जिले के बोडेली में सिंचाई विभाग से जुड़ा होने का दावा किया और खुद को 'कार्यकारी अभियंता' बताता था। पुलिस के मुताबिक संदीप ने 21 जुलाई 2021 को एक फर्जी दफ्तर बनाया और उसका नाम "कार्यकारी अभियंता, सिंचाई परियोजना प्रभाग, बोडेल्ही" रखा। फिर 25 अक्टूबर 2023 उसमें काम करता रहा।
4 करोड़ से ज्यादा सरकारी फंड लिया
पुलिस के मुताबिक राजपूत खुद को एक कार्यकारी अभियंता बताता था और सरकारी अधिकारी के रूप में दावा करने के लिए जाली दस्तावेज, हस्ताक्षर और कई दस्तावेज जुटाए। एफआईआर के मुताबिक इस अवधि के दौरान उसने कुल 93 सरकारी परियोजनाएं भी हासिल कर ली जिसके लिए उसे 4,15,54,915 रुपये की धनराशि मिली थी। एफआईआर जिला समाहरणालय के प्रशासनिक कार्यालय में कनिष्ठ लिपिक के रूप में कार्यरत जावेद मकनोजिया की लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज की गई।
कलेक्टर की मीटिंग के दौरान पकड़ में आया मामला
एफआईआर के मुताबिक 25 अक्टूबर को जिला कलेक्टर सचिन कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक के दौरान फंड मांगने वाले आवेदन के बारे में चर्चा की गई थी। जब सीमावर्ती गांव सिंचाई और लिफ्ट सिंचाई योजनाओं के तहत 12 कार्यों के लिए 3.78 करोड़ रुपये की मांग करने वाले आवेदनों पर चर्चा की गई, तो अधिकारियों को एहसास हुआ कि बोडेली में कार्यकारी अभियंता का कोई कार्यालय नहीं है।
आरोपी संदीप राजपूत गिरफ्तार
इसके बाद, कलेक्टर ने इसकी जांच शुरू की और बोडेली कार्यालय द्वारा संचालित परियोजनाओं और उसे प्राप्त फंड का विवरण मांगा। एफआईआर के मुताबिक जुलाई 2021 से 25 अक्टूबर 2023 तक राजपूत को 4,15,54,915 रुपये की सरकारी धनराशि मिली थी। छोटा उदयपुर थाने के पुलिस निरीक्षक एसी परमार ने बताया कि इस संबंध प्राथमिकी 26 अक्टूबर को दर्ज कर ली गई है। आरोपी संदीप राजपूत के अलावा उसके साथी अबुबकर सैय्यद को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अबुबकर सैय्यद एक स्थानीय ठेकेदार भी है।
यह पहली बार है कि फर्जी सरकारी दफ्तर बनाकर इतनी बड़ी रकम हड़पने का मामला सामने आया है। पिछले एक साल में, राज्य में प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी या मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के तौर पर खुद को पेश कर धोखाधड़ी के कई मामले देखे गए हैं। उनमें से किरण पटेल का भी चर्चित मामला है जो जिसे पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने और फिर अहमदाबाद पुलिस ने खुद को पीएमओ का उच्च पदस्थ अधिकारी बताने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके अलावा पुलिस ने विराज पटेल, निकुंज पटेल और लवकुश पटेल समेत कई अन्य लोगों को भी खुद को सीएमओ का अधिकारी बताने के आरोप में गिरफ्तार किया है।