Estol Drinking Water Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जून को अपनी गुजरात यात्रा के दौरान वलसाड जिले के आदिवासी गांवों और बस्तियों में रहने वाले 4.50 लाख लोगों को नल का पानी सुनिश्चित करने वाली एस्टोल परियोजना का उद्घाटन करेंगे। परियोजना का विवरण देते हुए, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा, ‘वलसाड जिले के कपराडा और धर्मपुर तालुकों में एस्टोल परियोजना को पूरा करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, लेकिन मुझे खुशी है कि हमारे इंजीनियरों ने सभी बाधाओं को पार कर लिया।’
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘यह इंजीनियरिंग के नजरिए से भी एक तकनीकी चमत्कार है। इस परियोजना के माध्यम से हम लगभग 200 मंजिला इमारत (1,875 फीट) की ऊंचाई तक पानी लेकर पहाड़ी क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।’ धरमपुर और कपराडा के आदिवासी क्षेत्रों की जमीन कुछ ऐसी है कि यहां न तो बारिश के पानी का भंडारण किया जा सकता है और न ही भूजल को संग्रहित किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि अधिकांश भूमि पथरीली है और वर्षा जल का बहाव तीव्र गति से होता है।
पथरीली जमीन और तेज बहाव के कारण केवल बरसात के मौसम में ही जलाशय भर पाते हैं और कुछ ही समय में सूख जाते हैं। 2018 में, राज्य सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 586.16 करोड़ रुपये की लागत से एस्टोल परियोजना शुरू की। मधुबन बांध से पानी निकाला जाएगा।