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Hindi News गुजरात भूकंप के झटकों से कांपा कच्छ, रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई इतनी तीव्रता

भूकंप के झटकों से कांपा कच्छ, रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई इतनी तीव्रता

भूकंपीय अनुसंधान संस्थान, गांधीनगर के अनुसार कच्छ के इलाके में एक दिन में यह लगातार दूसरी बार भूकंप आया है। हालांकि भूकंप के इन झटकों से किसी भी तरह के नुकसान कि खबर नहीं है।

Earthquake - India TV Hindi Image Source : FILE भूकंप के झटकों से कांपा कच्छ

कच्छ: प्रदेश के कच्छ इलाके में शुक्रवार रात 8:54 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंपीय अनुसंधान संस्थान, गांधीनगर के अनुसार इन भूकंप के झटकों को तीव्रता 4.1 दर्ज की गई। हालांकि इससे किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। वहीं इससे पहले शुक्रवार सुबह ही कच्छ में ही 3.2 कि तीव्रता वाला भूकंप आया था। एक दिन में दो बार भूकंप आने से स्थानीय लोगों में डर का माहौल बना हुआ है।

प्लेट्स के टकराने से आता है भूकंप

यह धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

रिक्टर स्केल और भूकंप की तीव्रता का संबंध? 

  • 0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
  • 2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
  • 3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
  • 4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
  • 5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
  • 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
  • 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
  • 8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
  • 9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।