A
Hindi News गुजरात Earthquake: गुजरात में भूकंप के झटके, जानिए रिक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता

Earthquake: गुजरात में भूकंप के झटके, जानिए रिक्टर स्केल पर कितनी रही तीव्रता

Earthquake: गुजरात आज भूकंप के झटकों से हिल उठा। रिक्टर स्केल (Richter scale) पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र सूरत से 61 किलोमीटर दूर था।

Representational Image- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Representational Image

Highlights

  • भूकंप का केंद्र सूरत से करीब 61 किमी दूर
  • रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5 मापी गई

Earthquake: गुजरात (Gujarat)में आज सुबह भूकंप (Earthquake) के हल्के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल (Richter scale) पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र सूरत से 61 किलोमीटर दूर था। भूकंप का केंद्र जमीन से 7 किमी नीचे था। भूकंप से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है। 

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि यह झटका हल्का था। भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। आमतौर पर 3.5 तीव्रता वाले भूकंप जल्दी लोग महसूस भी नहीं कर पाते हैं। जिस धरती हिली उस वक्त लोग अपने रोजमर्रा के कामकाज में व्यस्त थे। 

क्यों आता है भूकंप

दरअसल, धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है, जिन्‍हें इनर कोर, आउटर कोर, मैन्‍टल और क्रस्ट कहा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं, घूमती रहती हैं, खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर , दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।

कैसे करें बचाव?

यदि अचानक भूकंप आ जाए घर से बाहर खुले में निकलें। घर में फंस गए हों तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं। घर के कोनों में खड़े होकर भी खुद को बचा सकते हैं। भूकंप आने पर लिफ्ट का प्रयोग बिल्कुल न करें। खुले स्थान में जाएं, पेड़ व बिजली की लाइनों से दूर रहें। इसके अलावे भूकंप रोधी मकान भी उतने ही जरूरी होते हैं। यह हालांकि बहुत महंगा नहीं होता, पर इसे लेकर लोगों में जागरूकता की कमी के कारण अक्‍सर लोग इसकी अनदेखी कर बैठते हैं।