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Hindi News गुजरात गुजरात में बारिश और बाढ़ के बाद तूफान 'असना' का खतरा, कच्छ में अलर्ट जारी, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया

गुजरात में बारिश और बाढ़ के बाद तूफान 'असना' का खतरा, कच्छ में अलर्ट जारी, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया

कच्छ में अबडासा, मांडवी और लखपत तालुका में रह रहे लोगों से अपनी झोपड़ियों और कच्चे घरों को छोड़कर किसी स्कूल या अन्य इमारतों में शरण लेने के लिए कहा गया है।

Cyclone- India TV Hindi Image Source : FILE चक्रवात

अहमदाबाद: गुजरात में जहां एक ओर बारिश और बाढ़ तबाही मचा रही है वहीं चक्रवाती तूफान असना का भी खतरा मंडरा रहा है। कच्छ क्षेत्र के ऊपर बना गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। इसके चलते जिले में अधिकारियों ने झोपड़ियों और अस्थायी घरों में रह रहे लोगों को स्कूलों, मंदिरों या अन्य इमारतों में आश्रय लेने को कहा है। 

लोगों से सुरक्षित जगह पर जाने को कहा

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद, कच्छ के जिलाधिकारी ने एक वीडियो संदेश जारी कर अबडासा, मांडवी और लखपत तालुका में रह रहे लोगों से अपनी झोपड़ियों और कच्चे घरों को छोड़कर किसी स्कूल या अन्य इमारतों में शरण लेने के लिए कहा। उन्होंने स्थानीय लोगों से, शुक्रवार शाम तक के लिए ऐसे गरीब वर्ग के लोगों को अपने घरों में शरण देने के लिए आगे आने की अपील की है। 

कच्छ और आसपास के इलाकों में बना गहरा दबाव 

मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार रात अपने बयान में कहा, ‘‘कच्छ और आसपास के इलाकों में बने गहरे दबाव के, अगले 12 घंटे के दौरान उत्तर-पूर्व अरब सागर में पश्चिम की ओर बढ़ने और एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के आसार हैं। इसके बाद यह अगले दो दिनों के दौरान भारतीय तट से दूर पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ेगा।’’ 

पाकिस्तान ने सुझाया नाम

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि आईएमडी की चेतावनी के बाद, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बृहस्पतिवार रात गांधीनगर में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अरोड़ा से जिला प्रशासन की तैयारियों के बारे में बात की। अगर गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात का रूप ले लेता है तो इसका नाम ‘असना’ रखा जाएगा, जो पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया नाम है। यह एक दुर्लभ घटना है कि जमीन पर बना गहरा दबाव समुद्र में चक्रवाती तूफान में बदल गया है। इतना ही नहीं, अगस्त में अरब सागर में चक्रवात का बनना भी दुर्लभ है। आईएमडी ने कहा, ‘‘इस अवधि के दौरान समुद्र की स्थिति खराब रहेगी, ऊंची लहरें उठेंगी और गुजरात तट पर हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है।’