रिश्वत लेने में भी दरियादिली! गुजरात के भ्रष्ट अधिकारी किश्तों में ले रहे घूस, ACB ने ऐसे खोलकर कर रख दी पोल
गुजरात में भ्रष्ट सरकारी अधिकारी और उनके बिचौलिए EMI पर रिश्वत ले रहे हैं। सुनने पर आपको अजीब बेशक लग रहा है लेकिन है हकीकत। यह बात गुजरात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कही है।
अहमदाबादः गुजरात में भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों और बिचौलियों ने किस्तों में रिश्वत मांगने का तरीका अपनाया है और इस वर्ष अब तक कम से कम 10 ऐसे मामले सामने आए हैं। राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के अधिकारियों ने गुरुवार को दावा किया कि इस साल गुजरात में कम से कम दस मामले सामने आए हैं जिनमें सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ उनके बिचौलियों ने किस्तों में रिश्वत की मांग की है। एसीबी निदेशक शमशेर सिंह के मुताबिक किस्तों में रिश्वत लेने का यह चलन नया नहीं है और यह लंबे समय से चला आ रहा है लेकिन यह व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है।
एसीबी के निदेशक ने बताई सारी सच्चाई
एसीबी के निदेशक शमशेर सिंह ने बताया कि इस तरीके के तहत पीड़ित कार्य शुरू होने से पहले पहली किस्त का भुगतान करने के लिए सहमत होते हैं। कार्य पूरा होने पर बाद में पूरी राशि का भुगतान किया जाता है। लेकिन कभी-कभी पीड़ित अपना मन बदल लेते हैं और दूसरी या अगली किस्त देने के बजाय एसीबी से संपर्क करते हैं। उन्होंने कहा कि एसीबी गुजरात में इस तरह के भ्रष्ट आचरण से निपटने के लिए अपने प्रयास जारी रखे हुए है। एसीबी नागरिकों से रिश्वतखोरी या जबरन वसूली के किसी भी मामले की जानकारी देने का आग्रह कर रहा है।
एसीबी कई लोगों को कर चुकी है गिरफ्तार
मार्च में गुजरात जीएसटी अधिकारियों के लिए काम करने का दावा करने वाले दो व्यक्तियों ने अहमदाबाद में एक मोबाइल दुकान के मालिक से संपर्क किया और रिश्वत की मांग की। एक छापे के बाद टैक्स संबंधी एक समस्या का निपटारा करने के लिए उसे 21 लाख की रिश्वत देनी पड़ी। दुकान के मालिक ने पहली किस्त के रूप में दो लाख और बाद में दो किस्तों में शेष राशि का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की। बाद में उसने एसीबी से संपर्क किया, जिसने 30 मार्च को जाल बिछाया और दो आरोपियों में से एक को 2 लाख की पहली किस्त लेते हुए पकड़ लिया।
ऐसे होता था भ्रष्ट्राचार
एसीबी की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि अप्रैल में सूरत में एक उप सरपंच और एक तालुका पंचायत सदस्य ने किसान से 80 हजार रुपये की मांग की। किश्त में पहले 35 हजार देने को कहा। काम पूरा होने के बाद बाकी के पैसे देने पर सहमति बनी। एसीबी ने राज्य सीआईडी क्राइम ब्रांच के एक पुलिस उप-निरीक्षक (पीएसआई) को गिरफ्तार किया । आरोपी ने माना कि उसे दस हजार रुपये एडवांस भी लिया थाऔर बाद में 40,000 और लेने पर सहमत हुए थे। एक अन्य मामले में एक ट्रक चालक द्वारा एक बार में राशि का भुगतान करने में असमर्थता व्यक्त करने के बाद नर्मदा जिले में राज्य खान और खनिज विभाग के एक रॉयल्टी निरीक्षक ने दो किश्तों में एक लाख रिश्वत लेने पर सहमति व्यक्त की। रॉयल्टी इंस्पेक्टर के बिचौलिए को 26 अप्रैल को 60,000 रुपये की पहली किस्त लेते समय एसीबी ने पकड़ लिया था।
इनपुटः भाषा