कांग्रेस विधायक चिराग पटेल ने विधानसभा से दिया इस्तीफा, बताया ये कारण
गुजरात की खंभात विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक चिराग पटेल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि कई अन्य विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं।
अहमदाबाद: देश भर में थोड़े ही दिनों के बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। वहीं अब लोकसभा चुनाव के ठीक पहले गुजरात कांग्रेस में सबकुछ ठीक नजर नहीं आ रही है। दरअसल, गुजरात में कांग्रेस को आज एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के विधायक चिराग पटेल ने नेतृत्व के कामकाज की शैली से निराशा जताते हुए मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी की प्रदेश इकाई में गुटबाजी का आरोप लगाया है। पटेल ने कहा कि पार्टी को केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सीधे दिल्ली से ऐसे चलाया जा रहा है जैसे कि वे एयर कंडीशंड बंगलों में बैठकर कोई रियासत चला रहे हैं। साथ ही पटेल ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस में कई अन्य विधायक भी नाखुश हैं।
खंभात सीट से चुनाव जीत कर आए चिराग पटेल
गुजरात विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय से जारी किए गए एक बयान में बताया गया है कि आणंद जिले में खंभात विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले पहली बार के विधायक चिराग पटेल ने आज सुबह गांधीनगर में विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी को अपना इस्तीफा सौंपा। चौधरी ने बाद में पत्रकारों को बताया कि उन्होंने पटेल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या कम होकर अब 16 रह गयी है। चिराग पटेल ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में खंभात में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक महेश रावल को करीब 3,700 मतों के अंतर से हराया था। इसके बावजूद भाजपा ने 156 सीटें जीतने के साथ राज्य में सत्ता बरकरार रखी थी।
कांग्रेस पर लगाए कई गंभीर आरोप
वहीं चिराग पटेल ने इस्तीफा देने के उनके फैसले के लिए कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली को जिम्मेदार ठहराया है। पटेल ने दावा किया कि अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है तो पार्टी के कुछ और विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों से विचार-विमर्श करने के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया है। मेरी तरह कई विधायक नाखुश हैं क्योंकि उन्हें पार्टी में घुटन महसूस होती है। कांग्रेस में गुटबाजी चरम पर है और पार्टी के स्थानीय मामलों का फैसला भी केंद्रीय नेतृत्व द्वारा सीधे दिल्ली से लिया जाता है जैसे कि वे एयर कंडीशनर वाले बंगलों में बैठकर कोई रियासत चला रहे हों। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब ‘‘हीरो’’ से ‘‘जीरो’’ बन गई है। उन्होंने भाजपा में शामिल होने की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया। फिलहाल उन्होंने कहा कि अयोध्या में बन रहा राम मंदिर पूरे हिंदू समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण है जबकि कांग्रेस नेताओं ने मंदिर निर्माण के पक्ष में एक भी शब्द नहीं कहा है।
(इनपुट: भाषा)
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