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गुजरातः बाढ़ के लिए कांग्रेस ने बीजेपी को ठहराया जिम्मेदार, किसानों को मुआवजे देने की मांग

मौसम विभाग ने अगले सप्ताह गुजरात के कई जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। आंकड़ों के अनुसार, इस मौसम में अब तक कच्छ क्षेत्र में सबसे अधिक 179 प्रतिशत औसत वर्षा हुई है, जबकि सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात में क्रमशः 125 और 117 प्रतिशत औसत वार्षिक वर्षा हुई।

वडोदरा में बारिश के बाद बाढ़ग्रस्त इलाका- India TV Hindi Image Source : PTI वडोदरा में बारिश के बाद बाढ़ग्रस्त इलाका

अहमदाबाद: गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने कच्छ जिले के कई हिस्सों में जलजमाव के लिए बुधवार को राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को जिम्मेदार ठहराया और संपत्ति एवं फसल को हुए नुकसान के लिए उचित मुआवजे की मांग की। गोहिल ने कच्छ जिले के मुख्यालय भुज शहर में बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन किया। उन्होंने कहा कि कच्छ में हुई तबाही के लिए स्थानीय प्रशासन का भ्रष्टाचार और निष्क्रियता जिम्मेदार है। कांग्रेस नेता गोहिल ने दावा किया कि हर जगह कूड़ा-कचरा है और कूड़ा निस्तारण में लापरवाही के कारण जलजमाव हुआ है। यह मानव निर्मित आपदा है। 

कांग्रेस ने किसानों को मुआवजा देने की मांग की

शहर के आजाद चौक में 10 फुट तक पानी भर गया, जिसके कारण छोटे व्यापारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। लकड़ी बाजार में भी भारी नुकसान हुआ है। अगर नगर निगम ने नहर की सफाई की होती तो इसे रोका जा सकता था।" उन्होंने चेतावनी दी कि शहर में बीमारियों के फैलने की आशंका है। गोहिल ने कहा, "हम चाहते हैं कि सरकार भारी बारिश और उसके परिणामस्वरूप आई बाढ़ के कारण नुकसान झेलने वाले लोगों और किसानों को उचित मुआवजा दे।

हमें पता चला है कि नखतराना, अब्दासा और लखपत तालुका में बड़ी संख्या में मवेशी भी मारे गए हैं लेकिन अभी तक कोई सर्वेक्षण नहीं हुआ है। प्रशासन को अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया कि कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की गई है। गोहिल ने कहा कि मांडवी क्षेत्र में खड़ी फसलें क्षतिग्रस्त हो गईं, लेकिन सरकार ने किसानों के लिए कोई विशेष राहत पैकेज की घोषणा नहीं की है।  

भारी बारिश के कारण 49 लोगों की मौत

बता दें कि गुजरात में अगस्त के अंतिम सप्ताह में भारी बारिश के कारण 49 लोगों की मौत हो गई। विभिन्न इलाकों में सड़कें क्षतिग्रस्त होने और बाढ़ आने के बाद एनडीआरएफ और सेना सहित विभिन्न एजेंसियों ने 37,000 से अधिक लोगों को बचाया। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। गहरे दबाव के कारण 25 से 30 अगस्त के बीच गुजरात के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई। राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि 49 मौतों में से 22 के परिजनों को पहले ही नियमों के अनुसार मुआवजे के तौर पर 4-4 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मारे गए 2,618 पशुओं के मालिकों को 1.78 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है।

37 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया गया

उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात में अब तक औसत वार्षिक वर्षा का 108 प्रतिशत बारिश हुई है। राज्य राहत आयुक्त ने बताया कि भारी बारिश के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 17 टीम, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 27 टीम, सेना की नौ टुकड़ियां तथा वायुसेना और तटरक्षक की अतिरिक्त टीम तैनात की गईं। पांडे ने कहा, ‘‘विभिन्न टीम ने 37,050 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया और 42,083 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इसके अलावा, 53 लोगों को हवाई मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। 

 आलोक कुमार पांडे ने कहा कि भारी बारिश के कारण 2,230 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिन्हें अगले 10 दिन में मरम्मत कर यातायात योग्य बना दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘वर्षा के कारण बिजली कटौती से प्रभावित 6,931 गांवों और 17 शहरों में से 6,927 गांवों और सभी 17 शहरों में बिजली सेवा बहाल कर दी गई है। शेष गांवों में बिजली बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। बता दें कि गुजरात के कई हिस्सों में 20 से 29 अगस्त के बीच भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई।