अहमदाबाद: 2019 में लोकसभा सभा चुनाव के दौरान 'मोदी सरनेम' पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी का दिया गया एक बयान उनके लिए गले की हड्डी बन चुका है। इस बयान की वजह से उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई। साल 2005 से जिस सरकारी आवास में रह रहे थे, वह खाली करना पड़ा। गुजरात की एक निचली अदालत उन्हें इस मामले में दो साल की सजा सुनाई, जिसे सूरत सेशन कोर्ट ने भी कायम रखा। अब इसके बाद राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया है।
सेशन कोर्ट ने भी 2 साल की सजा को रखा था कायम
जानकारी के अनुसार राहुल गांधी ने मोदी सरनेम मामले में मिली सजा पर रोक के लिए गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया है। मंगलवार को उन्होंने हाईकोर्ट में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। वहीं इससे पहले 20 अप्रैल को सूरत सेशन कोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा था। 2019 में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर अपने भाषण में टिप्पणी की थी जिसे लेकर मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। इसी केस में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने और सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी।
बीजेपी विधायक ने आपराधिक मानहानि का किया था केस
दरअसल, 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया था।