गांधीनगर: गुजरात विधानसभा में कांग्रेस ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। कांग्रेस ने दावा किया कि अनुसूचित जाति, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के लिए बजटीय आवंटन अनारक्षित वर्गों के कल्याण के लिए स्वीकृत राशि की तुलना में ‘बहुत कम’ है। वहीं कांग्रेस के इस आरोप पर पलटवार करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भानुबेन बाबरिया ने कहा कि सरकार सभी कमजोर वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कांग्रेस पर ''फूट डालो और शासन करो'' की नीति अपनाने का आरोप लगाया।
अमित चावड़ा ने मांगी जानकारी
बता दें कि प्रश्नकाल के दौरान, कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने राज्य सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को वितरित ऋण के बारे में जानकारी मांगी। इस पर राज्य के मंत्री भीखूसिंह परमार ने लिखित उत्तर में कहा कि सरकार ने विभाग के तहत काम करने वाले 10 विभिन्न बोर्ड और निगमों को 2021-22 और 2022-23 में 1,167.43 करोड़ रुपये के ऋण और 39.14 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।
कम धन आवंटित करने का पूछा कारण
इस पर मंत्री के जवाब में उल्लिखित आंकड़ों का हवाला देते हुए, चावड़ा ने कहा कि अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए आवंटन अनारक्षित वर्गों के लिए स्वीकृत धनराशि की तुलना में कम है। उन्होंने कहा कि "इन 10 बोर्डों और निगमों में से 8 एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए हैं। राज्य की आबादी का एक बड़ा हिस्सा होने के बावजूद इन वर्गों को कम धन आवंटित करने का क्या कारण है? आपने अनारक्षित वर्गों के लिए भारी धनराशि आवंटित की है और पिछड़े वर्गों के लिए बहुत कम। यह भेदभाव क्यों किया गया है?"
कैबिनेट मंत्री बाबरिया ने दिया जवाब
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए, कैबिनेट मंत्री भानुबेन बाबरिया ने कहा कि इन बोर्डों और निगमों के माध्यम से वितरित ऋण और सहायता के अलावा, विभाग छात्रवृत्ति व आवास योजनाओं के माध्यम से एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाता है। बाबरिया ने कहा कि "एससी और ओबीसी के लिए काम करने वाले 10 बोर्डों और निगमों में से 8 के लिए, हमने बजट में 293 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष से 50 प्रतिशत अधिक है। हमारी सरकार समाज के सभी कमजोर वर्गों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है जबकि कांग्रेस शुरू से ही फूट डालो और राज करो की नीति पर चल रही है।”
(इनपुट- भाषा)
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