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Hindi News गुजरात सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर CISF जवान ने खुद को मारी गोली, इलाज के दौरान तोड़ा दम

सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर CISF जवान ने खुद को मारी गोली, इलाज के दौरान तोड़ा दम

सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर CISF के जवान ने अपनी ही राइफल से खुद को गोली मार दी। किशन सिंह नाम के जवान को फौरन इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। किशन सिंह ने खुद को क्यों गोली मारी इसका कारण अभी सामने नहीं आया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

इसी अस्पताल में चल रहा था जवान का इलाज- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इसी अस्पताल में चल रहा था जवान का इलाज

सूरतः गुजरात की आर्थिक राजधानी सूरत में एयरपोर्ट पर एक सीआईएसफ जवान ने आज दोपहर 3 बजे के आसपास खुदकुशी कर ली। अपनी ही सर्विस राइफल से खुद को गोली मारी। मृतक जवान का नाम किशन सिंह बताया जा रहा है और वह राजस्थान के रहने वाले थे। मृतक का शव एयरपोर्ट के बाथरूम से बरामद किया गया।

2015 में मिली थी नौकरी

सूरत एयरपोर्ट के इंचार्ज एसीपी नीरव सिंह गोहिल ने बताया कि सीआईएसएफ में पोस्टेड सब इंस्पेक्टर किशनसिंह कनवर की मौत हो गई है। 2015 में उन्होंने एएसआई सीआईएसएफ ज्वाइंट किया था। 2022 में उनका प्रमोशन होकर पीसीआई बने थे। पहले मुंबई एयरपोर्ट पर उनकी ड्यूटी थी, पिछले एक साल से सूरत एयरपोर्ट पर ड्यूटी में तैनात थे। यह पूरी घटना एयरपोर्ट के अंदर शौचालय में हुई। जैसे ही गोली चलने की आवाज आई तो दूसरे सीआईएसएफ के जवान घटना स्थल पहुंचे तो किशन सिंह घायल अवस्था में मिले।

पेट में मारी थी गोली

उनकी ही सर्विस राइफल से पेट के भाग में गोली लगी थी। फौरन उनको नजदीकी निजी अस्पताल ले जाया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अभी हम जांच कर रहे है। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। किस कारण से उन्होंने खुदकुशी की उसकी पुलिस जांच कर रही है।

सुसाइड को लेकर सीआईएसएफ चिंचित

बता दें कि अभी हाल में ही सीआईएसएफ ने घोषणा की थी कि बल के भीतर आत्महत्याओं में लगभग 40% की गिरावट आई है। जो 2023 में 25 से घटकर 2024 में 15 हो गई। 2020 के बाद से, विभिन्न सीएपीएफ, असम राइफल्स और एनएसजी में कुल 730 आत्महत्याओं की सूचना मिली है। इनमें से 105 मामलों में सीआईएसएफ के जवान थे। सीआईएसएफ में आत्महत्या की दर, जो 2022 में प्रति लाख कर्मियों पर 18.1 के उच्चतम स्तर तक पहुंच गई थी।   

रिपोर्ट- शैलेष चांपानेरिया, सूरत