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Hindi News गुजरात NEET-UG पेपर लीक मामले में CBI की जांच तेज, 4 आरोपियों की मांगी रिमांड; जानें कोर्ट ने क्या कहा

NEET-UG पेपर लीक मामले में CBI की जांच तेज, 4 आरोपियों की मांगी रिमांड; जानें कोर्ट ने क्या कहा

NEET-UG पेपर लीक मामले में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। इसी क्रम में आज सीबीआई ने चार आरोपियों की रिमांड मांगी है। इसके लिए सीबीआई ने गोधरा कोर्ट में रिमांड की अपील की है।

सीबीआई ने 4 आरोपियों की मांगी रिमांड।- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIVE IMAGE सीबीआई ने 4 आरोपियों की मांगी रिमांड।

गोधरा: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को पंचमहल जिले के गोधरा में 5 मई को NEET-UG परीक्षा में अनियमितताओं में शामिल रहने के मामले में गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार 5 में से 4 लोगों की चार दिन की रिमांड की अपील की है। सीबीआई के वकील ध्रुव मलिक ने जिला अदालत को सूचित किया कि गुजरात पुलिस ने पहले जांच की है, लेकिन एजेंसी को इन आरोपियों को हिरासत में लेने की जरूरत है क्योंकि वह नये सिरे से जांच कर रही है। वहीं सीबीआई की जांच में नई जानकारी ये भी मिली है की ओडिशा, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के इन कैंडिडेट्स से ये कहा गया था कि ये परीक्षा के लिए ये अपनी भाषा गुजराती ही चुनें और फॉर्म में अपना लोकल ऐड्रेस गोधरा और वड़ोदरा भरें।

8 मई को गिरफ्तार हुए थे आरोपी

बता दें कि गुजरात पुलिस ने 8 मई और उसके बाद वाले सप्ताह में जिन 5 लोगों को गिरफ्तार किया था, उनमें से स्कूल शिक्षक तुषार भट्ट, जय जालाराम स्कूल के प्राचार्य पुरुषोत्तम शर्मा तथा बिचौलियों विभोर आनंद और आरिफ वोहरा की रिमांड की सीबीआई मांग कर रही है। सीबीआई ने शिक्षा सलाहकार परशुराम रॉय की रिमांड की मांग नहीं की। सभी पांचों लोग इस समय गोधरा उप जेल में बंद हैं। 

सीबीआई के आवेदन पर कोर्ट ने क्या कहा

वहीं पंचमहल के प्रधान जिला न्यायाधीश सीके चौहान ने सीबीआई के रिमांड आवेदन पर आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि पुलिस या जांच एजेंसियां ​​गिरफ्तारी के बाद शुरुआती 15 दिनों से अधिक किसी आरोपी की हिरासत की मांग नहीं कर सकतीं। न्यायाधीश चौहान ने सीबीआई बनाम अनुपम कुलकर्णी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1992 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि गिरफ्तारी के 15 दिन बीत जाने के बाद नई रिमांड तभी दी जा सकती है, जब आरोपी उस अवधि के दौरान अस्पताल में भर्ती था या उसने शुरुआती रिमांड के दौरान सहयोग नहीं किया। 

बड़ी साजिश की चल रही जांच

हालांकि मलिक ने दलील दी कि यदि न्यायाधीश को उचित लगे तो गिरफ्तारी के पहले 15 दिन से अधिक रिमांड दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत दी जा सकती है। मलिक ने अदालत को सूचित किया कि सीबीआई गुजरात, राजस्थान, बिहार, दिल्ली तथा झारखंड में बड़ी साजिश की जांच कर रही है। 

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