अहमदाबाद: गुजरात में भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद नए मंत्रियों के शपथ लेने से पहले बुधवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के चार वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यमंत्री कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। बुधवार को जारी एक अधिसूचना में कहा गया कि मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव एम के दास और मुख्यमंत्री के सचिव अश्वनी कुमार का स्थानांतरण कर दिया गया है। विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के एन शाह और डी एच शाह का भी तबादला किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालने वाले पटेल, मुख्यमंत्री कार्यालय के सभी प्रमुख अधिकारियों को बदल सकते हैं। एम के दास के स्थान पर पंकज जोशी को लाया गया है जो वित्त विभाग में कार्यरत थे। अश्वनी कुमार के स्थान पर आईएएस अधिकारी अवंतिका सिंह औलख को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया गया है। इसके अलावा भरूच के कलेक्टर एम डी मोडिया और अहमदाबाद नगर पालिका के उपायुक्त एन एन दवे को मुख्यमंत्री का ओएसडी बनाया गया है।
एक दिन के लिए टला मंत्रिमंडल विस्तार
गुजरात में भूपेंद्र पटेल सरकार के नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह टल गया है। पहले तय हुए कार्यक्रम के अनुसार, मंत्रियों को बुधवार को दोपहर बाद पद एवं गोपनीयता की शपथ लेनी थी लेकिन अब जानकारी मिली है कि मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह आज नहीं बल्कि कल यानी गुरुवार को होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से ट्वीट कर यह जानकारी दी गई है।
ट्वीट में लिखा, "भूपेंद्र पटेल की नई कैबिनेट का शपथ ग्रहण राजभवन में कल 16 सितंबर को दोपहर 1.30 बजे होगा।" इससे पहले भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता यमल व्यास ने बताया था कि 'नए मंत्रियों के नाम अभी घोषित नहीं हुए हैं, ये मंत्री राजधानी गांधीनगर में दोपहर दो बजे के बाद शपथ लेंगे।' हालांकि, ऐसा नहीं हो रहा है। मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह के गुरुवार को आयोजित होगा।
मुख्यमंत्री पद से विजय रूपाणी के गत शनिवार को अचानक इस्तीफा देने के बाद सोमवार को केवल भूपेंद्र पटेल (59) ने शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी की गुजरात इकाई के प्रमुख भूपेंद्र यादव नए मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले लोगों के नाम तय करने के लिए पिछले दो दिनों से गांधीनगर में लगातार बैठकें कर रहे हैं।
ऐसी अटकलें हैं कि पटेल अपने मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को शामिल करेंगे और कई पुराने नेताओं को युवा नेताओं के लिए जगह खाली करनी पड़ सकती है। पटेल को रविवार को सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया था और सोमवार को गांधीनगर में राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उन्हें राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी।
पटेल को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है। उन्हें मुख्यमंत्री बनाये जाने के पीछे यह भी एक कारण माना जा रहा है। ऐसे में जब दिसंबर 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है, भाजपा ने चुनाव में जीत के लिए पटेल पर भरोसा जताया है, जो कि एक पाटीदार हैं।