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Hindi News गुजरात अमित शाह ने 54 फीट ऊंचे हनुमान प्रतिमा का किया उद्घाटन, कहा- आज ही के दिन हुई थी भाजपा की स्थापना

अमित शाह ने 54 फीट ऊंचे हनुमान प्रतिमा का किया उद्घाटन, कहा- आज ही के दिन हुई थी भाजपा की स्थापना

1980 में आज ही के दिन जनसंघ का जनता पार्टी में विलय करने के बाद सिद्धांतों के आधार पर सत्ता छोड़ने के बाद अटल जी और आडवाणी जी ने भाजपा की स्थापना की थी।

Amit Shah inaugurated 54 feet high Hanuman statue said BJP was established on this day only- India TV Hindi Image Source : PTI अमित शाह ने 54 फीट ऊंचे हनुमान प्रतिमा का किया उद्घाटन

हनुमान जयंती के अवसर पर अमित शाह ने आज श्री कष्टभंजन देव मंदिर में 54 फीट ऊंची बजरंग बली की प्रतिमा का अनावरण किया। वहीं इस दौरान उन्होंने कष्टभंजन देव भोजना का उद्घाटन भी किया। सलंगपुर धाम (गुजरात) में इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज ये संयोग है कि हनुमान जयंती और भाजपा का स्थापना दिवस एक ही दिन है। 1980 में आज ही के दिन जनसंघ का जनता पार्टी में विलय करने के बाद सिद्धांतों के आधार पर सत्ता छोड़ने के बाद अटल जी और आडवाणी जी ने भाजपा की स्थापना की थी। 

आज ही के दिन हुई थी भाजपा की स्थापना

उन्होंने कहा कि मुंबई के सरमुखानंद हॉल में 6 अप्रैल 1980 के दिन ठीक 1 बजे भाजपा की स्थापना की गई थी। जब भाजपा की स्थापना हुई तो लोग हमारा मजाक उड़ाते थे और उसके बाद चुनाव में हमारे सिर्फ 2 सांसद चुन कर आए थे। उस समय राजीव गांधी हमारा मजाक उड़ाते थे और ये कहते थे कि हम 2 हमारे 2। लेकिन आज दादा (हनुमान) की कृपा देखिये की आज देश के 16 राज्यों में सरकार है और 400  से ज्यादा सांसदों के साथ भाजपा देश की सेवा कर रही है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि राम जन्मभूमि का प्रश्न लटकाया, अटकाया और भटकाया और अदालतों में कहां कहां घुमाते रहे।

भव्य राम मंदिर का हो रहा निर्माण

अमित शाह ने अपने संबोधन में आगे कहा कि एक दिन अदालत का फैसला आया और नरेंद्र भाई ने राम मंदिर का शिलान्यास कर दिया और आज अपनी आंखों के सामने राम जन्मभूमि पर राम मंदिर निर्माण देख रहे हैं। निर्माण से पहले लोग कहते थे दंगे हो जाएंगे। कश्मीर में 370 हटी तो खून की नदियां बहेंगी। खून की नदियां और दंगे तो छोड़ो कंकड़ मारने की भी किसी की हिम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले जब विदेश के नेता गुजरात में आते थे उन्हें सिद्दी सैयद की जाली और ताज महल भेंट में देते थे। इसमें कुछ गलत नहीं है। पर आज जब नरेंद्र मोदी किसी के हाथ में भगवत गीता देते हैं ना तो मन में खूब गर्व होता है।