गुजरात: एक्सपायर्ड दवाओं की दोबारा लेबलिंग करके बेचती थी एजेंसी, मार्च में ही निकल चुकी थी डेट, छापेमारी में हुआ खुलासा
गुजरात के अहमदाबाद में एक दवाओं के थोक विक्रेता के पास से खाद्य एवं औषधि को छापेमारी में ऐसे एक्सपायर्ड इंजेक्शन मिले हैं जिन्हें दोबारा रिलेबल करके बेचा जा रहा था। विभाग ने छापेमारी के बाद दवाएं जब्त कीं और इस एजेंसी पर FIR दर्ज करवाई है।
अहमदाबाद के एक होलसेलर के पास से एक्सपायरी डेट के ऐसे इंजेक्शन मिले हैं जिन्हे रिलेबल (नई छाप के साथ) किया गया था। इस एजेंसी पर खाद्य एवं औषधि विभाग ने FIR दर्ज करवाई है। इस मामले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ. एच.जी. कोशिया ने कहा कि जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। छापेमारी में पता चला है कि 'स्कर्वी' बीमारी में इस्तेमाल होने वाले स्कॉर्बिन्ट-सी इंजेक्शन को फिर से लेबल करके बेचा जा रहा था। इस कांड में शामिल तेजेंद्र महेशभाई ठक्कर और स्वप्नील पुजारा के खिलाफ गहन जांच की जा रही है।
'स्कर्वी' रोग में इस्तेमाल होते हैं ये इंजेक्शन
खाद्य एवं औषधि प्रशासन आयुक्त कोशिया ने कहा कि पब्लिक हेल्थ के साथ छेड़छाड़ करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए सघन अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके तहत राज्य खाद्य और औषधि प्राधिकरण ने 'स्कर्वी' रोग में इस्तेमाल किए जाने वाले स्कॉर्बिन्ट-सी इंजेक्शन पर रीलेबलिंग करके एक्सपायर्ड दवाएं बेचने वाली इकाइयों/व्यक्तियों पर छापा मारा गया। रीलेबलिंग के काम में शामिल तेजेंद्र महेशभाई ठक्कर और पुजारा स्वप्निल महेशभाई का नाम सामने आया है।
मार्च में ही एक्सपायर हो गए थे इंजेक्शन
इस बारे में कोशिया ने बताया कि प्राप्त सूचना के आधार पर सिस्टम द्वारा 02 जून को अमराईवाड़ी, अहमदाबाद में महादेव एजेंसी ने जांच कराई। SCORBINT-C INJECTION, B. NO. NL21036, जिसकी ऍक्स्पायरी डेट 03/2023 थी और निक्सी लैबोरेटरीज प्रा. लिमिटेड द्वारा निर्मित है। इस दवा की खरीद बिक्री के बारे में पूछताछ करने पर तेजेंद्र महेशभाई ठक्कर ने बताया कि इंटीग्रिटी फार्मास्युटिकल, इनवॉइस नं- 0000103, 0000142, 0000406, 0000532, 0000705 समय-समय पर SCORBINT-C INJECTION ले रहे थे और बेच रहे थे।
रिलेबल करके अक्टूबर की लगाई डेट
इस जांच में अधिकारी से 444 नशीले पदार्थों की संदिग्ध बिक्री किये जाने के कारण की पूछताछ की गई थी। पूछताछ के दौरान तेजेंद्र महेशभाई ठक्कर ने बताया कि उन्होंने असली एक्सपायरी डेट 03/2023 और बैच नं- NL21036 को अपने कंप्यूटर से नई एक्सपायरी डेट 09/2023 और बैच नं- NB21-07A के साथ बदल दिया था और दवा का नाम, बैच नंबर, उत्पादन डेट, दवा की शीशी से एक्सपारी डेट और निर्माता के नाम जैसे सभी विवरण लेबल से हटा दिए गए थे। ये पांच एक्सपायर्ड इंजेक्शन, युनाइटेड इंटरप्राइजेज, एलिसब्रिज, अहमदाबाद डेट 22/05/2023 चालान संख्या- 23/SZ-002397 से बेचे गए।
आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज
आगे की जांच में उन्होंने बताया कि इन पांचों इंजेक्शनों को पैसे के लालच में पुजारा स्वप्नील महेशभाई की मदद से लेबल बदलकर बेचा गया था। इसके अलावा बाकी बचे 439 इंजेक्शन का भी बिल मौजूद नहीं है। इस दवा का प्रयोग स्कर्वी नामक गंभीर रोग में किया जाता है। लाभ के लिए एक्सपायर्ड दवा का दोबारा लेबल लगाकर जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले इस्मो ने अमराईवाड़ी पुलिस थाने में उन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करायी।
जांच के लिए भेजे गए इजेक्शन
कोशिया ने बताया कि जांच के दौरान पांच में से चार इंजेक्शन वड़ोदरा स्थित खाद्य एवं औषधि प्रयोगशाला में विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं और बाकी एक इंजेक्शन रिपोर्ट के साथ पेश किया गया है। बाकी 439 इंजेक्शंस की तफ्तीश अभी चल रही है।
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