Year Ender 2024: मोबाइल यूजर्स के लिए इस साल बदले कई नियम, देखें पूरी लिस्ट

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    टेलीकॉम सेक्टर के लिए यह साल कई सारे बदलाव वाला रहा है। इस साल टेलीकॉम यूजर्स के लिए कई नए नियम लागू किए गए हैं। खास तौर पर फर्जी कॉल्स और मैसेज को लेकर दूरसंचार नियामक ने सख्ती दिखाई है। साथ ही, सैटेलाइट ब्रॉडबैंड को लेकर सरकार ने स्पेक्ट्रम की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। आइए, जानते हैं 2024 में टेलीकॉम सेक्टर के नियमों में हुए बड़े बदलाव के बारे में...

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    सरकार ने BSNL के लिए इस बजट में खजाना खोल दिया है। पब्लिक सेक्टर की टेलीकॉम कंपनी के नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने इस साल के बजट में 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि आवंटित की है। बीएसएनएल को रिवाइव करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध दिखी। BSNL 4G/5G सर्विस के लिए 1 लाख नए मोबाइल टावर लगाने का लक्ष्य रखा गया, जिनमें से 50 हजार से ज्यादा नए मोबाइल टावर लाइव कर दिए गए। इस तरह से निजी टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी को रोकी जा सकेगी।

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    इस साल जुलाई में निजी टेलीकॉम कंपनियों Airtel, Jio और Vodafone Idea ने टैरिफ हाइक का ऐलान किया। इसकी वजह से निजी कंपनियों के लाखों यूजर्स ने BSNL में अपना नंबर पोर्ट करा लिया। निजी टेलीकॉम कंपनियों ने अपना ARPU (एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर) बढ़ाने के लिए मोबाइल प्लान की दरों में 20 से 35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है।

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    बढ़ते साइबर क्राइम को देखते हुए दूरसंचार नियामक ने नई पॉलिसी बनाई है। TRAI ने इस साल अगस्त में स्पैम कॉल और मैसेज के जरिए होने वाले अनसॉलिसिटेड कम्युनिकेशन को रोकने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को नेटवर्क लेवल पर सिस्टम लाने का निर्देश दिया, जिसे इस साल अक्टूबर में लागू कर दिया गया है। अब बिना रजिस्टर्ड टेलीमार्केटर यूजर्स को URL वाले मैसेज नहीं भेज सकेंगे।

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    इसके अलावा दूरसंचार नियामक ने 11 दिसंबर से मैसेज ट्रेसिबिलिटी का नियम भी लागू कर दिया है। इस नियम के तहत कमर्शियल कम्युनिकेशन के मैसेज के ओरिजिन से लेकर मैसेज के पाथ को ट्रेस किया जा सकेगा। टेलीकॉम ऑपरेटर्स किसी भी फर्जी मैसेज के ओरिजिन को ट्रेस कर सकेंगे। इसकी वजह से फर्जी मैसेज भेजने वाले को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा।

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    सैटेलाइट ब्रॉडबैंड भी इस साल काफी चर्चा में रहा है। सरकार ने इस साल सैटेलाइट ब्रॉडबैंड को लॉन्च करने का रास्ता साफ कर दिया है। सैटेलाइट सर्विस को जल्द शुरू करने के लिए TRAI ने स्टेकहोल्डर्स के साथ कई मीटिंग की और नेटवर्क स्पेक्ट्रम के अलोकेशन को लेकर चर्चाएं चली हैं। भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस की रेस में एयरटेल, जियो के अलावा अमेजन और स्टारलिंक बने हुए हैं।