सचिन-अंजलि ने पूरे किए शादी के 21 साल, जाने इनकी प्रेम कथा

  • क्रिकेट के भगवान के रुप में पूजे जाने वाले लिटिल मास्टर सचिन तेंदुलकर ने मंगलवार को शादी की 21वीं सालगिरह सादगी के साथ मनाई। क्रिकेट में ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है जो सचिन के नाम न हो। उनका क्रिकेट-करियर जितना शानदार रहा है उतनी ही दिलचस्प उनकी लव स्टोरी भी है। हम आपको बताने जा रहे हैं सचिन-अंजलि की लव स्टोरी की कुछ रोचक बातें।

  • सचिन और अंजलि की नज़रे पहली बार एयरपोर्ट पर मिली थी। मेडिकल की छात्रा अंजलि घुंघराले बालों वाले सचिन तेंदुलकर को देखते ही लट्टू हो गईं थी। सचिन पर नज़र पड़ते ही वह सचिन-सचिन चिल्लाती हुई उनकी तरफ दौड़ पड़ी लेकिन 17 साल के सचिन ये देखकर न सिर्फ घबरा गए बल्कि शर्मा बी गए और चुपचाप वहां से खिसकर नजरें नीची कर ली और गाड़ी में बैठ गए।

  • अंजलि ने पहली नज़र में प्यार के बारे में बताया कि वह उस दिन दरअसल अपनी मां को लेने एयरपोर्ट गई थी और तभी उनकी दोस्त ने सचिन की तरफ इशारा करके बताया कि वो रहा इंडियन क्रिकेट का वंडर बॉय सचिन तेंदुलकर।

  • मज़े की बात ये है कि ऐसा नहीं कि सिर्फ अंजलि को ही सचिन एक ही नज़र में भा गए थे। सचिन उस दिन भले ही शर्मा के भाग खड़े हुए हों लेकिन अंजलि को वो भी दिल दे बैठे थे। अंजलि ने अंजलि ने तेंदुलकर की आत्मकथा प्लेइंग इट माइ वे के विमोचन के मौके पर बताया कि एयरपोर्ट की घटना के बाद वह किसी तरह सचिन का फ़ोन नंबर लेने में कामयाब हो गईं और जब उन्होंने उन्होंने फोन किया तो सचिन पहचान भी गए। अंजलि ने सोचा कि कहीं सचिन बंडल तो नहीं मार रहे इसलिए उनसे पूछा कि बताओ उस दिन मैंने कौन से रंग के कपड़े पहने थे तो सचिन ने कहा संतरी रंग की टी शर्ट थी।

  • अंजलि एक बार पत्रकार बनकर तेंदुलकर के घर पहुंच गईं थी और सचिन की तो सिट्टीपिट्टी गुम हो गई थी। दरअसल अंजलि को पत्रकार इसलिए बनना पड़ा क्योंकि सचिन घरवालों से शादी की बात करने से डर रहे थे और सचिन की मां को शक भी हो गया था। आखिरकार अंजलि को ही सचिन की मां से अपनी शादी की बात करनी पड़ी।

  • 1995 तक सचिन हो चुके थे। दोनों फिल्म 'रोजा' देखना चाहते थे इसलिए सचिन ने सरदार का भेस कर लिया था। उन्होंने सरदार जैसे कपड़े पहने थे और दाढ़ी लगा रखी थी। इंटरवल तक तो सब ठीक रहा, लेकिन इसके बाद लोगों की नजर उनपर पड़ी और सचिन पकड़े गए थे। इसके बाद सचिन-अंजली को फिल्म बीच में ही छोड़कर लौटना पड़ा था।