PHOTOS : भारतीय हॉकी टीम ने कुछ इस तरह खत्म किया ओलंपिक में मेडल का सूखा
- Image Source : AP/INDIA TV
टोक्यो के ओई हॉकी स्टेडियम नॉर्थ पिच पर ब्रांज मेडल का मुकाबला आखिरी लम्हों में था कि तभी जर्मनी को पेनल्टी कार्नर दे दिया गया। इसके बाद कुछ पलों के लिए भारतीय फैंस की सांसे थम सी गई लेकिन जैसे ही गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने पेनल्टी कार्नर को रोका, वैसे ही पूरे भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। भारत ये मुकाबला जीतने के साथ ही मेडल अपने नाम कर चुका था।
- Image Source : AP
मॉस्को (1980 ओलंपिक) से टोक्यो (2021) तक का सफर तय करने में भारतीय पुरुष हॉकी को 41 साल का लंबा समय लग गया लेकिन आखिरकार टीम ओलंपिक में मेडल का सूखा खत्म करने में कामयाब रही।
- Image Source : AP
बेल्जियम के हाथों 2-5 से हारकर भारतीय टीम फाइनल की रेस से भले ही बाहर हो गई लेकिन टीम ने हौंसला नहीं खोया और ब्रांज मेडल मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराते हुए ओलंपिक में पोडियम स्थान हासिल करने का वादा पूरा कर दिया।
- Image Source : AP
भारत की इस रोमांचक और ऐतिहासिक जीत में गोल दागने वाले खिलाड़ियों में सिमरनजीत सिंह ((17वें मिनट और 34वें मिनट), हार्दिक सिंह (27वां मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वां मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह (31वां मिनट) रहे।
- Image Source : AP
ओलंपिक में 8 गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी लेकिन दबाव से उबरकर 8 मिनट में चार गोल दागकर इतिहास रचने में कामयाब रही।
- Image Source : AP
भारतीय हॉकी टीम का ओलंपिक के इतिहास में ये 12वां मेडल है। टीम इंडिया अब तक 8 गोल्ड मेडल, 1 सिल्वर और 3 ब्रांज अपने नाम कर चुकी है।
- Image Source : AP
भारत की इस ऐतिहासिक जीत के सबसे बड़े हीरो और सूत्रधार टीम गोलकीपर और पूर्व कप्तान पीआर श्रीजेश रहे जो पूरे टूर्नामेंट दीवार की तरह गोल पोस्ट के सामने खड़े रहे।
- Image Source : AP
ब्रांज मेडल मुकाबले में जैसे ही रेफरी ने सीटी के साथ निर्धारित समय की समाप्ति का ऐलान किया, वैसे ही भारतीय टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह के मन में भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। मनप्रीत नम आंखों के साथ मैदान पर ही बैठ गए।
- Image Source : AP
कोच ग्राहम रीड ने जीत के बाद गोलकीपर श्रीजेश की जमकर तारीफ करते हुए कहा- गोल के सामने श्रीजेश जैसा खिलाड़ी होना अच्छी बात है । शुक्र है कि हमें शूटआउट में नहीं जाना पड़ा । वह भारतीय हॉकी का धुरंधर है । उसने काफी मेहनत की है और तभी यहां तक पहुंचा।
- Image Source : AP
ब्रांज मेडल जीतने के बाद भावुक हुए कप्तान मनप्रीत सिंह ने इस ऐतिहासिक मेडल को देश के चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को समर्पित किया।