जानें क्यों विराट कोहली कहते हैं ''ऐ दिल संभल जा ज़रा"
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अपनी बल्लेबाज़ी से आईपीएल में रोज़ नये कीर्तिमान बनाने वाले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के कप्तान विराट कोहली भले ही आज लाखों दिलों की धड़कन हों लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि वह मैदान पर बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरने के पहले अपने दिल की धड़कन गिनते हैं। दरअसल अपने बेहतरीन फ़ार्म के राज़ के बारे में कोहली ने कहा कि मैदान पर उतरने से ठीक पहले वह अपने दिल की धड़कन देखते हैं और यदि धड़कन तेज़ चल रही हो तो खुद को शांत करने की कोशिश करते हैं वर्ना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे पाएंगे।
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भारतीय टीम (टेस्ट) के कप्तान कोहली का कहना है कि उन्होंने पिछले दो महीने के दैरान बेहतर बल्लेबाज़ी की है जो पहले नहीं की थी, लगता है मानों मैंने दो महीने पहले ही शुरूआत की है। लेकिन वह इसे अपने करियर का चरम नहीं कहेंगे। उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानता कि मैं वास्तव में अपने चरम पर पहुंच गया हूं। मैं गेंद को पहले की अपेक्षा बेहतर हिट कर रहा हूं लेकिन मैं जानता हूं कि यह दौर ऐसा भी नहीं है कि जैसा मैं चाहूंगा वैसा ही होगा।
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कोहली की शानदार फार्म विश्व टी20 से शुरू हुई और इसके बाद उन्होंने इसे आईपीएल में भी जारी रखा है जहां उन्होंने एक सत्र में सर्वाधिक रन का नया रिकार्ड बनाया। कोहली ने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में कहा कि मैं पहले कभी इतना शांतचित नहीं रहा। मेरा लक्ष्य न सिर्फ एक क्रिकेटर के तौर पर बल्कि एक व्यक्ति के रूप में भी सुधार करना है।
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कोहली से पूछा गया कि वह निरंतर अच्छा प्रदर्शन कैसे कर लेते हैं, उन्होंने कहा, मैं खेल का सम्मान करता हूं। किसी भी मैच मैं जानता हूं कि मुझे 120 प्रतिशत देना है। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले मैंने जो संघर्ष किया है वह मेरे दिमाग में है और इसलिए मैं कुछ भी पक्का मानकर नहीं चलता। मैं केवल यही खेल खेलना जानता हूं।
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इस फार्म में कोहली की तुलना सचिन तेंदुलकर से की जा रही है लेकिन कोहली इसे सही नहीं मानते। उन्होंने कहा, ईमानदारी से कहूं तो यह उनके (तेंदुलकर) के साथ न्याय नहीं है। उनकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती है। आप अलग अलग क्षमता के बल्लेबाजों की बात कर सकते हैं। मैंने अपना खेल मजबूत किया जबकि उन्होंने जो कुछ हासिल किया उनका जन्म ही उसके लिये हुआ था। मैं दो साल से अच्छा खेल रहा हूं जबकि उन्होंने 24 साल तक अच्छी तरह से देश की सेवा की। वह इस पीढ़ी के बल्लेबाजों से दो सीढ़ी उपर हैं। मैं खुद उनसे प्रेरित रहा हूं हालांकि मैं अपनी राह खुद तैयार करना पसंद करता हूं।