करारे स्मैश लगाने वाली पी.वी. सिंधु के बारे में 10 दिलचस्प बातें
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रियो ओलिंपिक में शुक्रवार शाम को पूरे देश की निगाहें टीवी सेट पर टिकी होंगी और आकर्षण का केंद्र होंगी शटलर पीवी सिंधु। बैडमिंटन सिंगल्स के फाइनल में सिंधु का मुकाबला वर्ल्ड नंबर वन स्पेन की कैरोलिना मारिन से होगा। अगर वे जीतती हैं तो भारतीय ओलिंपिक इतिहास में इंडिविजुअल इवेंट में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बन जाएंगी। कमाल की बात है कि यह पीवी सिंधु का पहला ही ओलंपिक है। पेश है उनके बारे में 9 दिलचस्प बातें।
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सिंधू का जन्म 5 जुलाई, 1995 में हैदराबाद में हुआ।
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8 साल की उम्र में ही उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरु कर दिया था।
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पीवी सिंधु का खेल में आना महज इत्तफ़ाक नही है। उनके पिता पीवी रमन्ना और मां पी विजया ख़ुद वॉलीबाल खिलाड़ी रह चुके हैं।
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सिंधू को मात्र 18 साल की उम्र में अर्जुन पुरस्कार मिला।
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सिंधू को 2015 में चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान “पद्म श्री” से सम्मानित किया गया था।
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पांच फुट साढ़े 10 इंच लम्बी पीवी सिंधु तब सुर्खियों में आई जब उन्होंने साल 2013 में ग्वांग्झू चीन में आयोजित विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली सिंधु भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई थीं।
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2013 में ही उन्होंने मलेशिया ओपन और मकाऊ ओपन का ख़िताब जीता था। इसके बाद सिंधु ने इसी कामयाबी को अगले ही साल 2014 में कोपेनहागेन में भी दोहरा दिया।
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पीवी सिंधु ने अभी तक छह ख़िताब जीते हैं।
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पीवी सिंधु ने अभी तक दुनिया की हर बड़ी खिलाड़ी को हराया है। रियो में भी सिंधु ने अपने से ऊंची रैंकिंग वाली खिलाड़ियों को हराकर फाइनल में जगह बनाई है।
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सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में दूसरी वरीयता हासिल चीन की यिहान वांग को और सेमीफाइनल में छठी वरीयता हासिल जापान की नोज़ूमी ओकूहारा को हराया है।