ICC Champions Trophy: बूमरा और रबाडा सहित इन 8 युवा खिलाड़ियों का दिखेगा दम
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चैम्पियंस ट्राफ़ी एक जून से इंग्लैंड में शुरु हो रही है और ख़िताबी जंग होगी आठ टीमों के बीच। सभी टीमों में जहां अनुभवी खिलाड़ी हैं और जिन पर टीम की हार जीत का दारोमदार निर्भर करेगा वहीं कुछ ऐसे भी युवा खिलाड़ी हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ी है और अब वे इस प्रतियोगिता में एक क़दम और आगे बढ़ना चाहेंगे।
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साउथ अफ़्रीका के तेज़ गेंदबाज़ कागिसो रबाडा सिर्फ़ 21 साल के हैं लेकिन उन्होंने बहुत तेज़ी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना ली है। तेज़ रफ़्तार से बॉल को स्विंग करवाना और सटीक यॉर्कर डालना उनकी ख़ासियत है। इसके अलावा अचूक बाउंसर भी उनका मुख्य हथियार है और यही वजह है कि वह साउथ अफ़्रीका के पहली पंक्ति के गेंदबाज़ हैं। रबाडा ICC Under-19 World Cup 2014 में सुर्ख़ियों में आए थे जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में 25 रन देकर 6 विकेट लिए थे। प्रतियोगिता में उन्होंने पांच मैचों में 14 विकेट लिए थे। रबाडा ने 2015 में अपना पहला वनडे खेला। उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 16 रन देकर 6 विकेट लिए जो अपने पहले मैच में इतने विकेट लेने का उनका रिकॉर्ड है। वह पहले ही मैच में हैट्रिक लेने वाले इतिहास के दूसरे बॉलर हैं। पहले बॉलर तैजुल इस्लाम थे।
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न्यूज़ीलैंड के बाएं हाथ के ऑलराउंडर मिचल सेंटनर ने ख़ुद को खेल के हर प्रारुप में स्थापित किया है और आज वह टीम के अभिन्न अंग हैं। 25 साल के सेंटनर ने 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था। इसके बाद से वह 15 टेस्ट, 32 वनडे और 14 टी20 खेल चुके हैं। ICC World T20 2016 के दौरान वह अपने शानदार प्रदर्शन की वजह से सुर्ख़ियों में आ गए थे। नागपुर टी20 में न्यूज़ीलैंड सात विकेट पर सिर्फ 126 रन ही बना सकी थी लेकिन सेंटनर की घातक गेंदबाज़ी की बदौलत न्यूज़ीलैंड ने 18.1 ओवर में इंडिया को 79 पर ऑल आउट कर दिया था। सेंटर ने इस मैच में 11 रन देकर 4 विकेट लिए थे। न्यूज़ीलैंड के लिए सेंटनर की बाएं हाथ की बल्लेबाज़ी और लेफ़्ट आर्म स्पिन बहुत कारगार साबित हो सकती है।
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पाकिस्तान के बाबर आज़म को क्रिकेट विरासत में मिला है क्योंकि वह क्रिकेटर्स के परिवार से आते हैं। बाबर ने 2015 में ज़िम्बाब्वे के पाकिस्तान दौरे पर पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। इस मैच में उन्होंने 60 बॉल में 54 रन बनाए थे। बाबर ने ICC Under-19 World Cup 2012 में पाकिस्तान टीम की कप्तानी की थी और छह मैचों में 287 रन बनाए थे। वह वनडे में तेज़ी से 1000 रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में से एक हैं। उनके करिअर को 2016 में उस समय पर लगे जब उन्होंने UAE में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ लगातार तीन शतक लगाए। वनडे के बाद टेस्ट सिरीज़ में भी उन्हें मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया था।
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बांग्लादेश के 21 साल के बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ मुस्तफ़िज़ुर रहमान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आते ही धूम मचा दी थी। क्विक, सटीक और ऑफ़ कटर उनकी ख़ासियत है। 2015 में उन्होंने भारत के ख़िलाफ दो बार पांच विकेट लिए थे और तब बांग्लादेश ने पहली बार सिरीज़ में भारत को हराया था।
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श्रीलंका के कुशाल मेंडिस कोई नवसीखिये नही हैं। उन्होंने 2015 में कोलंबो में वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में क़दम रखा था। उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तब परवान चढ़ा जब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ अपना पहला बड़ा शतक (176) लगाया था। वह श्रीलंका के दूसरे बल्लेबाज़ हैं जिन्होंने अपना पहला बड़ा शतक लगाया। उनके पहले 1987 में ब्रेंडन कुरुप्पु ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ नाबाद 201 रन बनाए थे। 2015 में कुमार संगकारा के रिटायर होने के बाद से श्रीलंका ने नंबर तीन पर कई प्रयोग किए और आख़िरकार उसे मेंडिस के सात उनकी खोज ख़त्म हो गई। मेंडिस ने 25 वनडे में 845 रन बनाए हैं। इस साल उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 107 बॉल में 102 रन बनाए थे जो उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है।
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भारत के जसप्रीत बूमरा की यॉर्कर उनका मुख्य हथियार है। इसके अलावा उनका बॉलिंग एक्शन ऐसा है कि बल्लेबाज़ उन्हें समझ नहीं पाते। 23 साल के बूमरा 2016 में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। तीन टी20 मैच में उन्होंने 6 विकेट लिए थे। धोनी ने उन्हें 'सिरीज़ की खोज' बताया था। इसके बाद से बूमरा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वनडे में बूमरा को बल्लेबाज़ों को छकाने में महारत हासिल है। हालंकि वह अभी नयी बॉल पर महारत हासिल नहीं कर पाए हैं लेकिन डेथ ओवर्स कैसे क डाले जाते हैं, ये कोई उनसे सीखे। उनकी पिन पाइंट यॉर्कर और स्लोअर वन देखते ही बनती है। बूमरा टीम इंडिया के भरोसेमंद गेंदबाज़ों में से एक हैं।
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ऑस्ट्रेलिया के पेट कमिंस ऐसे बॉलर हैं जिस पर किसी भी टीम को नाज़ हो सकता है। मिचल स्टार्क, जोश हैज़लवुड, जैम्स पैटिंसन और कमिंस की गेंदबाज़ी की वजह से ऑस्ट्रेलिया को ख़िताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। कमिंस ने 2011 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। इस मैच मैच में उन्होंने तीन विकेट लिए थे। दिसंबर 2016 में कमिंस ने दूसरे वनडे में 41 रन देकर 4 विकेट लिए थे और ऑस्ट्रेलिया ये मैच 116 रन से जीती थी। कमिंस चोटिल भी होते रहे हैं और इसी वजह से उनका ज़ायादातर वक़्त मैदान के बाहर बीता है। 2017 में भारत के खिलाफ टेस्ट सिरीज़ में उन्होंने 8 विकेट लिए थे।
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इंग्लैंड के सैम बिलिंग्स ने हाल ही में आयरलैंड के ख़िलाफ दो वनडे में विकेट कीपिंग की थी। वैसे वह बल्लेबाज़ हैं जो गेंदबाज़ों की अच्छी धुनाई लगाते हैं। अब तक 11 वनडे में उन्होंने 27.33 की औसत से 246 रन बनाए हैं। 25 साल के बिलिंग्स के लिए Champions Trophy अपना टैलेंट दिखाने का सुनहरा अअवसर होगा। ICC Cricket World Cup 2015 में शुरु में बाहर होने के बाद से इंग्लैंड ने वनडे क्रिकेट में बहुत सुधार किया है और बिलिंग्स अब इसमें योदगान करेंगे।