प्रमोद महाजन: BJP के पहले सत्ताकाल के मुख्य सेनापति, जिनकी स्क्रिप्ट का अहम किरदार थे नरेंद्र मोदी

  • Image Source : file photo

    आज के लोग अमित शाह को भारतीय राजनीति के चाणक्य के रूप में जानते हैं लेकिन आपको बता दें इनसे पहले भाजपा के चाणक्य कहे जाते थे प्रमोद महाजन।

  • Image Source : file photo

    प्रमोद महाजन देश की राजनीतिक नब्ज को पहचानने वाले नेता थे। वह एक शानदार वक्ता थे जो सुनने वालों को मंत्रमुग्ध कर देते थे। वाजपेयी काल में उनकी तूती बोलती थी।

  • Image Source : file photo

    आज प्रमोद महाजन का जन्मदिन है। आइए जानते हैं बीजेपी के पहले सत्ताकाल में इसके अहम सेनापति रहे इस शख्स को। प्रमोद वेंकटेशन महाजन का जन्म 30 अक्टूबर 1949 को तेलंगाना के महबूब नगर इलाके में एक देशहस्थ ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह RSS में बचपन से ही सक्रिय थे।

  • Image Source : file photo

    प्रमोद महाजन को भाजपा का हनुमान भी कहा जाता था। वह अटल बिहारी वाजपेयी की पसंद थे। प्रमोद महाजन के चाहने वाले आज भी कहते हैं कि प्रमोद महाजन जिंदा होते तो भारतीय राजनीति का परिदृश्य कुछ और ही होता।

  • Image Source : file photo

    नेताओं के बारे में लोगों की यही धारणा थी कि उन्हें सीधा-सादा दिखना चाहिए, कुर्ता-पायजामा और चप्पल में दिखना चाहिए लेकिन महाजन इसके उलट थे। वह 'रे बैन' का चश्मा पहनते थे। मोबाइल फोन चलाते थे और स्टाइलिश कार से चलते थे।

  • Image Source : file photo

    इस बात की जानकारी शायद बहुत कम लोगों को होगी कि नरेंद्र मोदी आज जिस ऊंचाई पर हैं, निसंदेह उनकी अपनी काबिलियत है लेकिन इसके पीछे रणनीतिक सोच प्रमोद महाजन की थी।

  • Image Source : file photo

    दरअसल, भाजपा की राजनीति के पुरोधा लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या की सफल यात्रा के सूत्रधार नरेंद्र मोदी के प्रमोद महाजन भी मुरीद हो गए थे। उसी दौर में देश का भविष्य नरेंद्र मोदी के रूप में उन्होंने देख लिया था।

  • Image Source : file photo

    प्रमोद महाजन 1986 में पहली बार संसद पहुंचे। बतौर राज्यसभा सांसद तब से लेकर मृत्यु तक वह राज्यसभा सांसद ही रहे सिर्फ दो साल को छोड़कर जब वह लोकसभा में थे।

  • Image Source : file photo

    अटल बिहारी वाजपेयी की पहली 13 दिनी सरकार में प्रमोद महाजन ने बतौर रक्षा मंत्री शपथ ली थी।

  • Image Source : file photo

    2004 के लोकसभा चुनावों की रणनीति का जिम्मा प्रमोद महाजन को दिया गया। फील गुड और इंडिया शाइनिंग के नारे अस्तित्व में आए। लेकिन पार्टी इन सबके बावजूद लोकसभा चुनाव हार गई. महाजन ने व्यक्तिगत तौर पर हार की जिम्मेदारी ली।

  • Image Source : file photo

    22 अप्रैल 2006 को प्रमोद महाजन अपने मुंबई स्थित अपार्टमेंट में परिवार के साथ थे। तभी उनके छोटे भाई प्रवीण महाजन ने अपनी पिस्टल से प्रमोद पर तीन गोलियां दागीं। उन्हें हिंदुजा अस्पताल ले जाया गया। 13 दिन के संघर्ष के बाद 3 मई 2006 को प्रमोद का निधन हो गया। 4 मई 2006 को मुंबई के दादर इलाके में स्थित मशहूर शिवाजी पार्क में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।