प्रयागराज पहुंचे पीएम मोदी, बोले- महाकुंभ देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को ऊंचाईयों पर ले जाएगा

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    उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में महाकुंभ 2025 का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में देश व दुनियाभर से लोग शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में पीएम नरेंद्र मोदी आज प्रयागराज के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि महाकुंभ देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और यह एकता का महायज्ञ है। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि 2025 के कुंभ के दौरान 15,000 से अधिक सफाई कर्मचारी सफाई सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने 2019 में सफाई कर्मचारियों के पैर धोने के अपने व्यक्तिगत अनुभव को याद किया। उन्होंने उस मौके को अपने जीवन का अहम पल बताया।

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    प्रधानमंत्री ने इस दौरान यहां 5500 करोड़ रुपये की अलग-अलग विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महाकुंभ देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को नई ऊचाईंयों पर ले जाएगा।

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    महाकुंभ को एकता का महायज्ञ बताते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसमें जाति और संप्रदायों का भेट मिट जाता है। उन्होंने इस आयोजन के महत्व पर बहुत विश्वास व्यक्त किया और कहा कि यह एकता का महायज्ञ होगा जो जाति, संप्रदाय और क्षेत्र के सभी विभाजनों से परे होगा।

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    उन्होंने प्रयागराज को सिर्फ एक भौगोलिक नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक स्थान बताया जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का पवित्र संगम सभी क्षेत्रों के लोगों को एगजुट करने में अहम भूमिका निभाता है। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि प्रयागराज सिर्फ भौगोलिक स्थान मात्र नहीं है। यह आध्यात्मिक अनुभव की जगह है। उन्होंने कहा कि यह ज्ञान और ज्ञान के लोगों का आशीर्वाद है कि मुझे बार-बार इस भूमि पर आने का सौभाग्य मिलता है।

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    उन्होंने कहा कि पिछले कुंभ में भी मुझे संगम में स्नान करने का सौभाग्य मिला था और आज एक बार फिर मुझे गंगा के चरणों में आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला है। पीएम मोदी ने कुंभ के ऐतिहासिक महत्व पर जोर दिया और याद दिलाया कि कैसे सदियों से ऋषि-मुनियों ने राष्ट्रीय मुद्दों प र चर्चा करने और बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए इस समागम का उपयोग किया है।

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    पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि प्राचीन काल में भी कुंभ ने सामाजिक बदलाव की नींव रखी थी। पहले ऐसे आयोजनों में श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन उस समय की सरकारों ने इसकी परवाह नहीं की। इसका कारण उनका भारतीय संस्कृति से विमुख होना था।

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    उन्होंने पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि आज केंद्र और राज्य में ऐसी सरकार है जो आस्था और भारतीय संस्कृति का सम्मान करती है,”। प्रधानमंत्री ने रामायण, कृष्ण और बौद्ध सर्किट जैसे विभिन्न सांस्कृतिक सर्किटों के विकास पर प्रकाश डाला। अपने संबोधन में, उन्होंने सफाई कर्मचारियों के योगदान को स्वीकार किया जो इस तरह के बड़े पैमाने के आयोजनों की सफाई और सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।