जाने South China Sea पर क्यों मचा है बवाल
-
काफी लंबे से चीन लगातार दक्षिण चीन सागर पर अपने दावे कर रहा है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाले एक न्यायाधिकरण द्वारा खारिज किये जाने के बाद चीन ने आज अपना गुस्सा अमेरिका पर निकाला और बीजिंग के रास्ते में परेशानी करने के लिए अमेरिका और उसकी एशिया पेसिफिक केन्दि्रत नीति को जिम्मेदार ठहराया। गौरतलब है कि दक्षिण चीन सागर एशियाई देशों से घिरा हुआ है।
-
दक्षिण चीन सागर में चीन, ताइवान, फिलीपीन्स, मलेशिया, इंडोनेशिया, और वियतनाम अपने-अपने दावे कर रहे हैं।
-
इस समुद्री इलाके में दो बड़े द्वीपसमूह स्प्रातली और पारासेल को लेकर चीन और अन्य देशों के बीच विवाद तनाव का एक बड़ा मसला है।
-
पारासेल द्वीपसमूह पर 1974 तक चीन और वियतनाम का कब्जा था। 1974 में दक्षिण वियतनाम और चीन के बीच झड़प के बाद वियतनाम के 14 सैनिक मारे गए और चीन ने इस पूरे द्वीपसमूह पर अपना कब्जा जमा लिया।
-
इस समुद्री इलाके में पड़ने वाले सैकड़ों द्वीपों को लेकर तटीय देशों के बीच लंबे अर्से से विवाद चल रहा है।
-
दुनिया के एक तिहाई व्यापारिक जहाज इसी समुद्री इलाके से होकर गुजरते हैं। भारत का 55 प्रतिशत समुद्री व्यापार इसी सागर के जरिए होता है।
-
माना जाता है कि दक्षिण चीन सागर की तलहटी में तेल और गैस का विशाल भंडार है।
-
भारत दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र नौपरिवहन चाहता हैI जिसके लिए वह चाहता है कि इस क्षेत्र को लेकर किसी भी विवाद का समाधान अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक किया जाना चाहिए।
-
इस क्षेत्र से जुड़े सभी विवादों का हल अंतरराष्ट्रीय कानूनों और समुद्री कानूनों पर 1982 के संयुक्त राष्ट्र समझौते के तहत किया जाना चाहिए।
-
भारत इस क्षेत्र में किसी तरह के बल प्रयोग या किसी को डराने-धमकाने के किसी प्रयास का विरोध करता है।