कालिखो पुल: सादगीपूर्ण शुरूआत से मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने वाले शख्स
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अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल ने इटानगर में मुख्यमंत्री निवास पर आत्महत्या कर ली। राज्य की पुलिस ने आज इसकी जानकारी दी। कालिखो पुल जमिन से जुडे हुए व्यक्ति थे आईए जानते हैं उनसे जुडी कुछ खास बातें
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कलिखो पुल का जन्म अंजाव जिले में हवाई के वल्ला गांव में हुआ था।
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कलिखो पुल केवल 13 महीने के थे, जब उनकी मां कोरानलु दुनिया छोड़ कर गईं। इसके पांच साल बाद फिर पिता का भी देहांत हो गया फिर चाची ने पालन-पोषण किया।
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कलिखो पुल काफी गरीब हुआ करते थे इसलिए उन्हे स्कूल जाने के बजाय जंगल जाना पड़ता था और वहां से लकडि़यां चुन कर लाना पड़ता था।
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पुल ने एक इंटरव्यू में यह बताया था कि, ‘मैं स्कूल नहीं जा पाया। जब दस साल का था तब हवाई क्राफ्ट सेंटर में बढ़ईगीरी का कोर्स किया। यह कोर्स दो साल का था। वहां स्टाइपेंड भी मिलता था। कोर्स खत्म करने के बाद वहीं ट्यूटर के तौर पर मुझे काम करने का मौका मिल गया।
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पुल का राजनीतिक सफर लगभग 24 साल का रहा और इसमें 23 साल वह मंत्री बने रहे।
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पुल ने अपनी जिन्दगी में पान की दुकान भी चलाई और ठेकेदारी भी कि पहले उन्होंने गांव में कच्चे घर बनाने का ठेका लेना शुरू किया और फिर बाद में पक्के घर भी बनवाने लगे। इसके बाद उन्होंने एक-एक कर चार ट्रक खरीदे। इस बीच अर्थशास्त्र से ग्रेजुएशन किया और कुछ समय के लिए कानून की पढ़ाई भी की।
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1996 में कलिखो पुल की जब शादी हुई तब भी वह गेगोंग अपांग की सरकार में मंत्री थे।
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पुल का भगवान में बिल्कुल यकीन नहीं था। वह साफ कहते थे, ‘अगर ईश्वर होता तो मेरे साथ इतना बुरा नहीं होने देता।
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पुल की तीन पत्नियां और चार बच्चे हैं।