आंसुओं से भीग गए शहीदों के कफन, शहादत की 10 कहानियां
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सियाचिन के शहीद अमर योद्धा आज आखिरी सफर पर निकले। मद्रास बटालियन के सभी जवानों को उनके पैृतक स्थानों पर आखिरी सलामी दी गई।
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तमिलनाडु से लेकर आंध्र प्रदेश और कर्नाटक तक हर किसी की आंखें नम थीं। पूरा हिंदुस्तान गम और मातम में डूबा दिखा।
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सियाचिन में शहीद भारत मां के सपूतों की ये आखिरी विदाई थी।
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सेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए देश की रक्षा में अपनी जान कुर्बान करने वाले जवानों के शव सैन्य सम्मान के साथ लाए गए।
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सियाचिन में हिमस्खलन की चपेट में आने से शहीद हुए नौ सैनिकों के शव लेह से सोमवार 15 जनवरी 2016 को राजधानी दिल्ली लाए गए।
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आर्मी के साथ-साथ पूरे हिंदुस्तान ने इन शूरवीरों को सलामी दी।
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सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग भी सोमवार को शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
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लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ का शुक्रवार को कर्नाटक स्थित उनके गृह नगर में अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
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भारतीय सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह की अगुवाई में एक औपचारिक समारोह में दिल्ली के पालम हवाईअड्डे पर शहीदों को पुष्पचक्र अर्पित किए गए।
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शहीदों के नाम हैं – सूबेदार नागेश टीटी, गांव तेजूर, जिला हासन, कर्नाटक। 2. हवलदार इलम अलई एम., गांव दुक्कम पाराई, जिला वेल्लोर, तमिलनाडु। 3. लांस हवलदार एस. कुमार, गांव कुमानन थोजू, जिला तेनी, तमिलनाडु। 4. लांस नायक सुधीश बी., गांव मोनरोएथुरुत, जिला