यूपी संवाद 2018: अखिलेश यादव ने कहा, ‘मैं फॉरवर्ड नहीं बैकवर्ड हिंदू हूं’, जानें, इंटरव्यू की 5 बड़ी बातें
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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के एक साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित इंडिया टीवी के कॉन्क्लेव 'संवाद उत्तर प्रदेश' में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने मायावती के साथ उपचुनाव को लेकर हुए अपने समझौते पर खुलकर बात की। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश परिवार के झगड़े पर भी बोले और कहा कि कुर्सी के जाने के साथ ही वह झगड़ा भी खत्म हो गया है। वह ‘आप की अदालत’ कार्यक्रम में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब दिया।
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बीएसपी सुप्रीमो मायावती के साथ गठबंधन के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि उनके बीच फिलहाल उपचुनाव को लेकर गठबंधन हुआ है। आगामी चुनावों में भी गठबंधन का इशारा देते हुए उन्होंने कहा कि साइकिल पर किसी को भी बैठाया जा सकता है और इससे उसकी रफ्तार कम नहीं होती।
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यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि हमारे गठबंधन से बीजेपी में घबराहट है, और पार्टी सभी जातियों को मुख्यमंत्री बनाने का लालच दे रही थी। गेस्टहाउस कांड की बात पर अखिलेश ने कहा कि लोग यह क्यों भूल जाते हैं कि हमने हमेशा मायावती जी का सम्मान किया है और उनको बुआ कहा है, इस बारे में बात क्यों नहीं होती।
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खुद के दकियानूसी होने के आरोपों पर जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा कि आपने कभी भी न तो मेरे हाथ में अंगूठी देखी होगी गले में माला नहीं देखा। उन्होंने कहा, ‘हालांकि नवरात्र आने वाले हैं और मैं नौ दिन व्रत रखूंगा और इस बार कोशिश करूंगा कि नवरात्र में जो भी पूजा-पाठ हो उसकी पिक्चर जरूर आ जाए। लोग जान जाएं कि मैं भी पूजा कर रहा हूं और मैं भी हिंदू हूं, लेकिन मैं दूसरे तरह का हिंदू हूं, बैकवर्ड हिंदू हूं फॉरवर्ड नहीं।’
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बीजेपी पर देश की सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी होने का आरोप लगाते हुए अखिलेश ने कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे बड़ी जातिवादी पार्टी है। जब मैं विकास की राजनीति कर रहा था तब वे जाति की बात कर रहे थे। हम एक्सप्रेसवे की बात कर रहे थे तब वे केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाने की बात कर रहे थे। हम लैपटॉप की बात कर रहे थे तब वे अलग-अलग जातियों के सीएम बनाने की बात कर रहे थे। पूरे प्रदेश में हर जाति के लोगों को लग रहा था कि बीजेपी इस बार यूपी में उनकी जाति का मुख्यमंत्री बनाएगी, ये कौन-सी राजनीति है?’
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नरेश अग्रवाल के बयान पर कि समाजवादी पार्टी को बीएसपी के सामने गिरवी रख दिया गया है, पर बात करते हुए अखिलेश ने कहा कि वह अब मेरी पार्टी में नहीं हैं, भारतीय जनता पार्टी में हैं। भारतीय जनता पार्टी अपने लोगों से तो ऐसी ही बातें कहलवाएगी। अग्रवाल को राज्यसभा टिकट न देने के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि हम दो लोगों को टिकट नहीं दे सकते थे, हमारे सामने भी मजबूरी थी कि हम एक ही व्यक्ति को लड़ा सकते थे। उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि जया बच्चन जी को राज्यसभा सदस्य बनना चाहिए इसलिए हमने उनको टिकट दे दिया, अब नरेश अग्रवाल पर बीजेपी नेता ही सवाल उठा रहे हैं।
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परिवार को तोड़ने के सवाल के जवाब में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी का परिवार नहीं टूटना चाहिए और हमारा परिवार भी नहीं टूटा है। उन्होंने कहा, 'मैंने पहले भी कहा था कि कु्र्सी थी तब झगड़ा था और अब कुर्सी नहीं है तो झगड़ा नहीं है। अभी होली पर ही मैं चाचा से मिला था। जब वह आए तब भी और जब मैं वहां से गया तब आशीर्वाद लिया। अगली बार वह 2022 में राज्यसभा मांगेगे तो मैं राज्यसभा दे दूंगा।'
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बीजेपी पर देश की विभिन्न पार्टियों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए अखिलेश ने कहा, 'देश की कौन-सी ऐसी पार्टी है जिसे बीजेपी ने न तोड़ा हो। बिहार में लालू जी और नीतीश जी को अलग कर दिया। यूपी में भी जो उनके जीते हुए लोग हैं उनमें बड़ी संख्या दूसरी पार्टियों से आए लोगों की है।' अखिलेश ने अपने विकास के कार्यों के साथ-साथ महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलन के बारे में भी बात की।