श्रद्धा के आगे हारा यमुना का प्रदूषण, जहरीले झाग के बीच लोगों ने किया 'छठ स्नान', देखें तस्वीरें
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लोक आस्था का पर्व छठ गुरुवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अर्घ्य के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर 'पारण' किया।
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लोक आस्था का पर्व छठ गुरुवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के चौथे दिन अर्घ्य के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर 'पारण' किया।
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यमुना के पानी में प्रदूषण की वजह से झाग की मोटी परत बनी हुई है और अमोनिया का स्तर पर बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है। ऐसे में यमुना के पानी से स्नान करना बीमारियों को न्यौता देने के बराबर है।
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ओखला बैराज के नीचे कालिंदी कुंज में यमुना घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए। यमुना नदी में बिछी जहरीले झाग की चादर के बीच लोगों ने सूर्य को अर्घ्य दिया।
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यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि उस पानी का ट्रीटमेंट करना भी मुश्किल हो रहा है, इसी वजह से दिल्ली में कुछ जगहों पर पीने के की सप्लाई भी प्रभावित हुई।
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दिल्ली सरकार ने अनुष्ठान करने के लिए दिल्ली में 800 अस्थायी घाट बनाए थे। चार दिन तक चलने वाला छठ महापर्व मुख्यत: बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड से आकर यहां रह रहे लोग मनाते हैं जिन्हें ‘पूर्वांचली’ कहा जाता है।