पापा चंकी पांडे की फिल्में देखकर ट्रॉमा में चली जाती थीं अनन्या पांडे, ये था बचपन का सबसे बड़ा डर
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चंकी पांडे 90 के दशक के सबसे हैंडसम और गुड लुकिंग एक्टर्स में से थे। लेकिन, अपने गुड लुक्स के बाद भी वह अपने एक्टिंग करियर में वो स्टारडम हासिल नहीं कर पाए जो उनके समकालीन कुछ एक्टर्स को नसीब हुई। 90 के दौर में चंकी पांडे ने कई बड़ी फिल्मों में काम किया, जिन्हें दर्शकों से भरपूर प्यार भी मिला।
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हालांकि, उन्होंने ज्यादार फिल्मों में सेकेंड लीड का ही रोल प्ले किया। एक समय ऐसा भी आया जब चंकी अपने करियर के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे थे। ऐसे में वह सब छोड़कर बांग्लादेश चले गए और वहां प्रॉपर्टी डीलिंग करने लगे। चंकी सालों इंडस्ट्री में रहकर जो नहीं कर पाए, वो उनकी बेटी अनन्या पांडे ने कर दिखाया।
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करण जौहर की स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 से डेब्यू करने वाली अनन्या ने हाल ही में अपने पिता की फिल्मों और बचपन से जुड़े एक ट्रॉमा के बारे में बात की। उन्होंने बताया वह बचपन में अपने पापा की फिल्में बहुत ही कम देखा करती थीं। क्योंकि, वह इन फिल्मों को देखकर ट्रॉमा में चली जाती थीं। इसकी वजह थी एक डर।
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यूट्यूब चैनल 'वी आर युवा' से बात करते हुए अनन्या ने अपने पिता और बचपन से जुड़े कुछ किस्से बताए। इसी दौरान उन्होंने ये भी बताया कि जब वह छोटी थीं तो अपने पापा यानी चंकी पांडे की फिल्में बहुत कम देखती थीं।
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इसके पीछे की वजह का खुलासा करते हुए अनन्या ने कहा- 'मैंने उनकी ज्यादातर फिल्में इसलिए नहीं देखीं, क्योंकि मुझे डर लगता था कि वह फिल्म के आखिरी में मर जाएंगे। मुझे याद है कि मैंने उनकी फिल्म 'डी कंपनी' देखी थी, जिसमें उन्हें अचानक गोली लगती है और वो मर जाते हैं।'
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अनन्या आगे कहती हैं- 'मुझे ये फिल्में देखकर ऐसा लगता था कि ये सच में हो रहा है। आप (चंकी पांडे) मेरे बगल में बैठे होते थे, फिर भी वो सब देखकर मैं ट्रॉमाटाइज हो जाती थी। इसीलिए मैं आपकी ज्यादा फिल्में नहीं देखती थी। मुझे लगता था कि हर फिल्म में आप मरने वाले हैं।'
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इसी दौरान चंकी पांडे ने बताया कि जब उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की तो उन्होंने ज्यादातर ऐसी फिल्में कीं, जिनमें उनके किरदार की एंडिंग बहुत दर्दनाक होती थी। उन्होंने कहा कि जब 'पाप की दुनिया' जैसी फिल्मों में उन्होंने खुद को मरते देखा तो उन्हें बहुत दुख हुआ था।