जानिए श्रेया घोषाल की कुछ खास बातें
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आज श्रेया घोषाल 32 साल की हो गई हैं। उनका जन्म एक बंगाली परिवार में हुआ। वे राजस्थान, कोटा के पास एक छोटे-से कस्बे रावतभाटा में पली-बढ़ीं।
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श्रेया जब केवल चार साल थीं तब उन्होंने हारमोनियम पर अपनी मां के साथ संगत किया था।
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श्रेया के माता-पिता ने उन्हें कोटा में महेशचंद्र शर्मा के पास शास्त्रीय संगीत की शिक्षा के लिए भेजा दिया था।
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आज घोषाल उद्योग की एक प्रतिष्ठित गायिका हैं और उन्होंने हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली, कन्नड़, गुजराती, मेइती, मराठी और भोजपुरी समेत विभिन्न भाषाओं में गानें रिकॉर्ड किए हैं।
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राबतभाटा के एटॉमिक एनर्जी सेंट्रल स्कूल AECS और अणुशक्ति नगर मुंबई में उन्होंने पढ़ाई की। स्नातक के लिए उन्होंने SIES कॉलेज के कला संकाय में दाखिला लिया।
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उनके पिता भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र इंजीनियर के रूप में भारतीय नाभिकीय ऊर्जा निगम के लिए काम करते हैं।
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श्रेया घोषाल को सुरों की मल्लिका कहा जाता है।
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हिंदी के अलावा, उन्होंने असमिया, बंगाली, कन्नड़, मलयालम, मराठी, पंजाबी, तमिल और तेलुगु में भी गाने गाए हैं।
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उन्हें उत्तर और दक्षिण फिल्म उद्योगों के लिए बहुत से पुरुस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
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श्रेया ने फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली का ध्यान अपनी ओर तब खींचा जब उन्होंने सा रे गा मा पा में दूसरी बार भाग लिया, इस समय वे व्यस्कों के साथ प्रतिस्पर्धा में भाग ले रही थीं।
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उनकी आवाज का गठन इस तरह का है कि रूमानी गीत उस पर फबता है और आवाज को वे बखूबी पेश कर सकती हैं।