राज कपूर के सामने सिर झुका रहे शख्स हैं रोमांटिक फिल्मों के बादशाह, कईयों का संवारा करियर, बनाया सुपरस्टार

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    हिंदी सिनेमा में जब भी रोमांटिक फिल्मों का जिक्र होता है, शाहरुख खान का नाम सबसे पहले लिया जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं उन्हें ये टैग दिलाने के पीछे किसका हाथ है? फोटो में राज कपूर के सामने सिर झुकाकर जो शख्स खड़े हैं, उनकी फिल्मों ने ही शाहरुख खो रोमांस किंग बनाया है। सुपरस्टार को रोमांस किंग का टैग दिलाने में यश चोपड़ा का बहुत बड़ा हाथ रहा है।

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    शाहरुख खान ने 'वीर जारा' से लेकर 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' तक, शाहरुख खान ने यश राज फिल्म्स की कई फिल्मों में काम किया और इन फिल्मों ने उन्हें रोमांस किंग बना दिया। आज यश चोपड़ा इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने 21 अक्टूबर 2012 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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    आज भले ही वह हम सबके बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी बनाई फिल्मों के जरिए वह आज भी फैंस के दिलों में जिंदा हैं। यश चोपड़ा को असली रोमांस किंग भी कहा जाता है। ये उनकी मेहनत और काबिलियत थी कि उन्होंने अपने टैलेंट की बदौलत इंडस्ट्री में अपना दबदबा बना रखा है।

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    यश चोपड़ा ने 1959 में अपनी पहली फिल्म 'धूल का फूल' बनाई, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने 1961 में धर्मपुत्र बनाई, लेकिन उन्हें असली पहचान दिलाई 1965 में रिलीज हुई 'वक्त' ने।

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    बतौर निर्देशक उन्होंने हिंदी सिनेमा को 'दिल तो पागल है' (1997), 'डर' (1993), 'परंपरा'(1992), 'वीर जारा' (2004), 'लम्हें' (1991), 'चांदनी'(1989), 'विजय', 'दीवार', 'जोशीला', मोहब्बतें, और लागा चुनरी में दाग जैसी शानदार फिल्में दीं। बतौर निर्माता भी यश चोपड़ा ने कई शानदार फिल्मों का निर्माण किया है।

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    यश चोपड़ा के फिल्मी करियर की बात की जाए तो ये काफी शानदार रहा है। 'रोमांस किंग' नाम से मशहूर यश चोपड़ा ने 50 से ज्यादा फिल्मों दी हैं। खास बात तो ये है कि उनकी ज्यादातर फिल्में सुपरहिट रही हैं। उन्होंने 6 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता और 2001 में 'दादा साहेब फाल्के पुरस्कार' अपने नाम किया। इसके बाद 2005 में भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए यश चोपड़ा को 'पद्म भूषण' से सम्मानित किया।

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    यश चोपड़ा का जन्म पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था। बंटवारे के बाद उनका परिवार भारत आ गया। यश चोपड़ा का परिवार चाहता था कि वह इंजीनियर बनें, लेकिन शुरुआत से ही उनका रुझान फिल्मों की तरफ था। ऐसे में उन्होंने परिवार की बात ना मानकर अपने बड़े भाई बीआर चोपड़ा के नक्शे कदम पर चलने की ठान ली।

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    जब वह 19 साल के थे, उन्होंने अपने बड़े भाई बीआर चोपड़ा जो उस दौरान इंडस्ट्री के बड़े और फेमस डायरेक्टर थे, की तरह डायरेक्टर बनेंगे। इंजीनियरिंग छोड़-छाड़कर वह मुंबई आए और फिल्मी इंडस्ट्री में कदम रखा। रोमांस को उन्होंने फिल्मों में ऐसा तड़का दिया कि हर कोई उनका दीवाना बन गया। वह फिल्मों में रोमांस को बड़ी खूबसूरती से दिखाते थे।

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    यश चोपड़ा ने तब इस दुनिया को अलविदा कह दिया, जब वह शाहरुख खान, कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा स्टारर 'जब तक है जान' बना रहे थे। उन्होंने इसी दौरान ये ऐलान कर दिया था कि इस फिल्म के बाद वह रिटायरमेंट ले लेंगे, लेकिन फिल्म की रिलीज के कुछ दिन पहले ही उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वह डेंगू की चपेट में थे, जो उनके पूरे शरीर में फैल गया और वह इस दुनिया को अलविदा कह गए।