...जब गौरी को पाने के लिए शाहरुख ने कर दी थीं सारी हदें पार
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शाहरुख खान और गौरी खान की प्रेम कहानी तमाम उतार-चढ़ावों से भरी रही है। इस कहानी में किसी सफल बॉलीवुडिया फिल्म का सारा मसाला मौजूद है। गौरी के प्रेम में पड़े शाहरुख ने आखिरकार यह साबित कर ही दिया कि अगर किसी चीज़ को सच्चे दिल से चाहो तो पूरी कायनात उसको तुमसे मिलाने में लग जाती है।
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दिल्ली में 1984 में दोनों की मुलाकात हुई और कुछ साल रोमांस के बाद दोनों ने 1991 में शादी कर ली। गौरी खान से जब शाहरुख की मुलाकात हुई थी उस वक्त शाहरुख 19 साल के थे, वहीं गौरी केवल 14 साल की थीं। दोनों की मुलाकात एक पार्टी के दौरान हुई थी।
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गौरी ने 1991 में शाहरुख खान से शादी की। इनके 3 बच्चे बेटा आर्यन और बेटी सुहाना है। वहीं सरोगेट मदर के द्वारा 2013 में उनका तीसरा बच्चा अबराम हुआ। गौरी कैमरे के सामने बहुत कम ही आती हैं फिलहाल वह इंटीरियर डिजाइनर के रूप में अपने करियर पर ध्यान देना चाहती हैं, न कि अभिनेत्री के तौर पर।
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शाहरुख की लव स्टोरी में सबसे खास बात यह है कि शुरु में शाहरुख जब गौरी के घर टेलिफोन करते थे तो फोन गौरी के भाई विक्रांत उठाते थे और ऐसे समय में शाहरुख विक्रांत से लड़की की आवाज में बातें करते हुए गौरी की सहेली बन जाते थे और इसके बाद विक्रांत, गौरी को फोन दे देते थे।
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डांस निर्देशक श्यामक डावर की क्लास में गौरी जब डांस सिखने आती थीं तो शाहरुख डांस क्लास के बाहर गौरी का इंतजार करते थे। वे उन दिनों भी बहुत अधिक विनम्र हुआ करते थे और आज भी उनका यह स्वभाव नहीं बदला है।
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शाहरुख और गौरी की लव स्टोरी थोड़ी लंबी चली थी। शुरुआत के दिनों में गौरी के पिता इस शादी के लिए राजी नहीं हुए थे। तब शाहरुख बॉलीवुड में आज की तरह सुपरस्टार क्या एक कलाकार के रूप में भी बहुत अधिक सफल नहीं थे।
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श्यामक डावर के अनुसार शाहरुख खान जितने रोमांटिक अंदाज में अपनी फिल्मों में किसी अभिनेत्री को रिझाते हुए नजर आते हैं उससे कई ज्यादा रोमांटिक अंदाज में उन्होने गौरी खान को पाने के लिए कोशिशे की थीं। चाहे बस के पीछे भागकर उसी बस में चढना हो या स्कूल के बाहर गौरी का इंतजार करना हो।
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शाहरुख, गौरी को इस कदर प्यार करते थे कि गौरी उनकी पॉजेसिवनेस से परेशान हो जाती थी। कहा जाता है कि अगर गौरी अपने बाल खुले रख ले तो शाहरुख उनसे लड़ने लगते थे। शाहरुख की इस आदत से परेशान होकर गौरी ने दिल्ली छोड़कर मुंबई की तरफ रुख कर लिया और वो भी बिना शाहरुख को बताए।
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लेकिन गौरी के प्यार में दीवाने हुए शाहरुख कहां मानने वाले थे, वे भी उनको खोजते हुए मुंबई चले आए,जबकि वह नहीं जानते थे कि गौरी मुंबई में कहा रहती है। कई दिन उन्होंने मुंबई में गौरी को यूं ही खोजते हुए बिता दिए। लेकिन विधाता की लिखी पटकथा में दो दिलों को मिलना था और इस मिलन का गवाह बना मुंबई का अक्सा बीच जहां दोनों की एक बार फिर से मुलाकात हो गई। शाहरुख को एक बार फिर सामने पाकर और उनकी चाहत को देखकर गौरी की आंखों में आंसू आ गए थे।
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गौरी के बारे में कहा जा सकता है कि वह इंडस्ट्री की उन हस्तियों में से एक हैं जो अभिनेत्री न होते हुए भी उनसे किसी भी मामले में कम नहीं हैं। एक इंटरव्यू के दौरान गौरी ने कहा, "मैं अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद अपने परिवार के साथ समय बिताती हूं और मैं अपने काम और परिवार के बीच एक संतुलन बना कर रखती हूं।"