'मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता...' : अमिताभ बच्चन के फेमस डायलॉग्स, जो आज भी हैं पॉपुलर
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साल के दसवें महीने की 11वीं तारीख को जन्मे इस शख्स को कोई ‘एंग्री यंगमैन’ कहता है, कोई ‘सदी का महानायक’, कोई ‘बिग बी’ तो कोई ‘शहंशाह’, उनके जितने प्रशंसक, उतने ही नाम। हम बात कर रहे हैं हिंदी सिनेमा के सर्वकालिक लोकप्रिय अदाकार अमिताभ बच्चन की।
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भारत के सिनेमा के इतिहास में युग पुरूष का दर्जा रखने वाले हरदिल अजीज कलाकार अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर को ही हुआ था। इलाहाबाद में 11 अक्टूबर 1942 को जन्मे अमिताभ ने 1969 में फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की, लेकिन 1973 में आई फिल्म ‘जंजीर’ में पुलिस इंस्पैक्टर की उनकी भूमिका ने उन्हें ‘एंग्री यंगमैन’ का तमगा दिलाया और उसके बाद ‘दीवार’ और ‘शोले’ जैसी फिल्मों ने उन्हें एक महान अभिनेता के तौर पर गढ़ दिया। इसके बाद की कहानी अपने आप में किसी परीकथा से कम नहीं।
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चाहे उनकी एक्टिंग हो या फिर फिल्मों में बोले गए उनके डायलॉग्स, उनका स्टाइल हर किसी को पसंद आता है। बिग बी ने जिस अंदाज में डायलॉग्स बोले हैं, वो आज भी फेमस हैं।
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फिल्म: शोले डायलॉग: तुम्हारा नाम क्या है बसंती?
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फिल्म: अग्निपथ डायलॉग: पूरा नाम, विजय दीनानाथ चौहान, बाप का नाम दीनानाथ चौहान, मां का नाम सुहासिनी चौहान गांव मंडवा, उमर छत्तीस साल।
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फिल्म: कालिया डायलॉग: हम जहां से खड़े होते हैं, लाइन वहीं से शुरू होती है।
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फिल्म: डॉन डायलॉग: डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है, लेकिन डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।
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फिल्म: शहंशाह डायलॉग: रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं, नाम है शहंशाह।