Fact Check: मोरक्को में भूकंप से कुछ देर पहले नहीं गिरी थी बिजली, कंप्यूटर से बनाई गई ये वीडियो
मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप में करीब 3 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि मोरक्को में भूकंप से पहले जोरदार बिजली गिरी थी। इसका जब हमने फैक्ट चेक किया तो सच कुछ और ही निकला।
India TV Fact Check: मोरक्को के एटलस पर्वतमाला क्षेत्र के सुदूर पहाड़ी गांवों और कस्बों में आए भीषण भूकंप में 3000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 2,000 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। वहां पर मलबे के बीच फंसी जानों को अभी भी तलाशा जा रहा है। मोरक्को में आए विनाशकारी भूंकप के बाद सोशल मीडिया पर सैंकड़ों वीडियो वायरल होने लगे। इनमें से कई सार गलत और भ्रामक भी हैं। ऐसा ही एक वीडियो हमारे सामने आया जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि मोरक्को में भूकंप से कुछ देर पहले आसमान से एक रहस्यमयी बिजली चमकी थी। जब हमने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया तो ये पूरी तरह से फर्जी निकला।
वायरल वीडियो में क्या है?
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक @ShadowofEzra नाम के यूजर ने एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है, "यह मोरक्को में भूकंप से पहले हुआ था।" (कैप्शन को जस का तस रखा गया है) इस वीडियो के अंदर भी लिखा दिख रहा है, "अज्ञात कारणों से मोरक्को में भूकंप से पहले बड़ी रोशनी दी..." सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में दिख रहा है कि रात के अंधेरे में आसमान में एक स्पेसशिप जैसा कुछ चमकता हुआ दिख रहा है। कुछ ही सेंकेंड में आसमान में घूमती चमकदार चीज में से एक जोरदार बिजली जैसी कोई चीज सीधे जमीन पर गिरती है और कुछ ही सेंकेंड में गायब भी हो जाती है। इस वायरल वीडियो के साथ दावा करके ये कहने की कोशिश की जा रही है कि मोरक्को में आए विनाशकारी भूकंप से पहले ये बिजली गिरी थी, जिसका कोई कारण नहीं पता लग सका है। इस वीडियो को करीब 6 लाख लोगों ने (593.3K) देखा है। वहीं 2700 से ज्यादा लोगों ने इसे रीपोस्ट भी किया है और 4700 से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है।
यही वीडियो फेसबुक पर भी कई सारे यूजर्स ने शेयर किया है और लगभग सभी ने यही दावा किया है कि मोरक्को में भूकंप से पहले वहां बिजली जैसे कोई चीज गिरी थी।
इंडिया टीवी ने की पड़ताल
सबसे पहेल तो जब हमने ये वीडियो देखा तो हमें भी वीडियो में सब कुछ एक दम असली जैसा लग रहा था। लेकिन वीडियो को एक दो बार और देखकर इस ओर ध्यान गया कि अगर ये बिजली के गिरने की वीडियो है तो फिर इसमें बिजली गिरते दिखने और उसकी आवाज एक साथ कैसे आ रही है। आमतौर होता ये है कि जब भी बिजली गिरती है तो रोशनी होने के कुछ सेकेंड या मिली सेकेंड के बाद ही उसकी आवाज सुनाई पड़ती है। लेकिन इस वीडियो में सब कुछ एक दम परफैक्ट लग रहा था। यहां से हमारा शक गहरा होने लगा कि वीडियो के साथ कुछ तो गड़बड़ है।
इसके बाद हमने इस वीडियो के एक कीफ्रेम को गूगल इमेज सर्च पर डाला तो कई सारे सर्च रिजल्ट हमारे सामने आने लगे। इनमे से एक फेसबुक पोस्ट पर हमने क्लिक किया। ये फेसबुक पोस्ट Spacelover.official नाम के एक यूजर नेम से पोस्ट की गई थी। ये वीडियो 14 मार्च 2021 को शेयर की गई थी। ये ठीक वही वीडियो था जो मोरक्को का बताकर वायरल किया जा रहा है। केवल फर्क इतना था कि इस वाले वीडियो के अंदर झूठे दावे वाला टेक्स्ट नहीं लगाया गया था और पूरे शहर का नजारा साफ-साफ दिख रहा था। सबसे खास बात तो ये है कि जिस तरह का शहर इस वीडियो में दिख रहा है, वह मोरक्को में भूकंप पीड़ित जगह से बिल्कुल भी मेल नहीं खा रहा है। यहां से ये लगभग साफ हो गया था कि ये वीडियो मोरक्को में भूकंप से दो साल पहले का है और इसमें दिखने वाला शहर मोरक्को नहीं कोई और है।
लेकिन जब हमने इस वीडियो के कैप्शन को पढ़ा तो सारा सच सामने आ गया। इस फेसबुक वीडियो के कैप्शन के साथ लिखा था, "वो आ गए (एलियन वाली इमोजी) इस कलाकृति को 1-10 के बीच कोई रेटिंग दें, कलाकार: @jayhideaway" इस कैप्शन ने ये समझ आया कि ये कोई असली वीडियो नहीं बल्कि किसी आर्टिस्ट की कल्पाना है और कंप्यूटर (CGI) की मदद से बनाई गई है। इस पोस्ट के साथ वीडियो बनाने वाले आर्टिस्ट का भी सोशल मीडिया हैंडल दिया गया था। लिहाजा हमने उस आर्टिस्ट के बारे में गूगल पर पड़ताल शुरू की।
इस VFX आर्टिस्ट का सोशल मीडिया हैंडल गूगल पर डालते ही हमें उसका यूट्यूब चैनल मिला। इस चैनल पर हमें यही वीडियो शॉर्ट अपलोड मिला। ये वीडियो इस चैनल पर 31 अगस्त 2020 को अपलोड किया गया था। 'जय हाइडअवे' नाम के इस यूट्यूब चैनल के हमने दूसरे वीडियो भी देखे तो सभी CGI से बनाए गए छोटे-छोटे क्लिप थे, जो कि किसी मूवी के लिए या फिर मनोरंजन के मतलब से बनाए और अपलोड किए गए थे। लिहाज ये वीडियो पूरी तरह से कंप्यूटर से बनाया गया है और वास्तिवता से कोई लेना-देना नहीं है।
पड़लात में क्या निकला?
इंडिया टीवी फैक्ट चेक में ये पता लगा कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा ये वीडियो ना ही मोरक्को में भूकंप से पहले का है और ना ही असली है। बल्कि ये वीडियो एक जय हाइडअवे नाम के एक ग्राफिक्स आर्टिस्ट ने कंप्यूटर की मदद से साल 2020 में बनाया था।
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