Fact Check: मोरक्को में भूकंप के दौरान नमाज नहीं पढ़ रहे ये लोग, सीरिया का निकला वीडियो
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ये दावा किया जा रहा कि ये मोरक्को में आए भूकंप का है। दावा है कि भूकंप के तेज झटकों के बावजूद भी ये लोग मस्जिद में नमाज पढ़ते रहे। हमने जब इसका फैक्ट चेक किया तो वीडियो सीरिया का निकला।
India TV Fact Check: बीते हफ्ते ही मोरक्को में एटलस माउंटेन रेंज क्षेत्र के सुदूर पहाड़ी गांवों और कस्बों में भीषण भूकंप आया था। इस भूकंप में करीब 2900 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 2,000 से ज्यादा घायल हुए थे। मोरक्को के भूकंप के बाद सोशल मीडिया पर सैंकड़ो वीडियो वायरल हो रहे हैं। ऐसे एक भ्रामक वीडियो का इंडिया टीवी ने पहले भी फैक्ट चेक किया था। लेकिन अब एक और मोरक्को का बताकर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि वहां इतने तेज भूकंप में भी लोग नमाज अदा कर रहे हैं। जब हमने इस वीडियो की पड़ताल की तो ये भ्रामक निकला।
क्या हो रहा वायरल?
ये वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया गया है। इसमें दिख रहा है कि किसी जगह पर बड़ी संख्या में कुछ लोग नमाज अदा कर रहे हैं। तभी भूकंप के झटके आते हैं और बिजली भी चली जाती है। इसके बावजूद भी वहां मौजूद लोग नमाज अदा करते दिख रहे हैं और कोई भगदड़ नहीं मची। इस वीडियो को Yaqeenah Yusuf नाम के यूजर ने फेसबुक पर शेयर किया है और इसके साथ अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा, "भूकंप के दौरान उन्होंने सलाह छोड़ने में भी संकोच नहीं किया! ईमान की ताकत सुभानअल्लाह!अल्लाह मोरक्को के भूकंप में मारे गए हमारे मुवाहिद भाइयों और बहनों को शाहदा का दर्जा दे और उनके परिवारों को सब्र दे और उनकी कठिनाइयों के लिए उन्हें इनाम दे।" (कैप्शन को जस का तस लिखा गया है) इस वीडियो को फेसबुक यूजर ने मोरक्को में आए भूकंप का बताया है।
इंडिया टीवी ने की पड़ताल
इस वायरल वीडियो को सबसे पहले हमने ध्यान से देखा इसके बाद इसके एक कीफेम को गूगल पर इमेज सर्च किया। तो कई सारे रिजल्ट सामने आए। इस दौरान हमें एक वीडियो मिला जो 'अल-तनसुह सैटेलाइट चैनल' के नाम से एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड था। ये वीडियो 26 फरवरी 2023 को अपलोड किया गया था। इस चैनल पर भी वही वीडियो था जिसमें लोग भूकंप के दौरान नमाज अदा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो के टाइटल में अरबी भाषा में लिखा था- شاهد | ثبات المصلين أثناء حدوث هزة أرضية في مدينة الدانا بريف إدلب الشمالي (देखें। इदलिब के उत्तरी ग्रामीण इलाके दाना शहर में भूकंप के दौरान उपासकों की स्थिरता)
यहां तक एक बात तो साफ हो चुकी थी कि अगर ये वीडियो इस चैनल पर 26 फरवरी 2023 को अपलोड किया गया था तो पिछले हफ्ते मोरक्को में आए भूकंप का नहीं हो सकता है। इसके बाद हमने इस यूट्यूब चैनल 'अल-तनसुह सैटेलाइट चैनल' के बारे में पता करने की कोशिश की, जिसने ये वीडियो अपलोड किया था। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि Tanasuh TV लीबिया का एक टीवी न्यूज चैनल है। लिहाजा ये वीडियो लीबिया के टीवी चैनल के एक आधिकारिक अकाउंट से अपलोड किया गया था।
इसके बाद हमने अपनी पड़ताल को और पुख्ता करने के लिए गूगल पर सीरिया के इदलिब में आए भूकंप में नमाज से संबधित खबरों के बारे में सर्च करना शुरू किया तो अलजरीरा अरबी के यूट्यूब चैनल पर एक और वीडियो मिला। ये भी वही वीडियो था जो 'अल-तनसुह' चैनल पर अपलोड था। अलजरीरा अरबी के यूट्यूब चैनल पर भी ये वीडियो 26 फरवरी 2023 को अपलोड किया गया था। इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन में अरबी में लिखा था, "सीरियाई लोगों ने सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी वीडियो शेयर किया है, जिसमें 20 फरवरी को इदलिब देहात के दाना शहर में अल-फारूक मस्जिद में आए भूकंप के दौरान नमाजियों की स्थिरता के क्षण को दिखाया गया है। क्लिप में दिखाया गया है कि नमाजी भूकंप की तीव्रता 6.4 तक पहुंचने के बावजूद भी अपनी जगह से नहीं हिले और इसका केंद्र तुर्की के हटे प्रांत में था।"
गौरतलब है कि इसी साल 20 फरवरी को 6.4 और 5.8 तीव्रता के दो तेज भूकंप के झटके उत्तरी सीरिया और दक्षिणी तुर्की प्रांत हटे में आए थे। जो 6 फरवरी के भूकंप से बुरी तरह प्रभावित हुआ, जिसमें दोनों देशों में 45,000 से अधिक लोग मारे गए थे।
पड़ताल में क्या निकला
ये वायरल वीडियो मोरक्को में आए भूकंप का नहीं बल्कि 6 महीने पहले का है, जब उत्तरी सीरिया और दक्षिणी तुर्की में भयानक भूकंप आया था। इसे गलत दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है।
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