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Hindi News फैक्ट चेक Fact Check: चंद्रयान-3 के लॉन्च का नहीं है फ्लाइट से रिकॉर्ड हुआ ये वीडियो, सामने आई सच्चाई

Fact Check: चंद्रयान-3 के लॉन्च का नहीं है फ्लाइट से रिकॉर्ड हुआ ये वीडियो, सामने आई सच्चाई

चंद्रयान-3 के मिशन मून पर निकलने के साथ ही इसके लॉन्च को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल होने लगे। ऐसे ही एक वायरल वीडियो का इंडिया टीवी की टीम ने फैक्ट चेक किया है और दावे के पीछे की सच्चाई का पता लगाया।

india tv Fact Check- India TV Hindi Image Source : INDIA TV चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग की वीडियो का फैक्च चेक

इंडिया टीवी फैक्ट चेक: ISRO यानि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बीते 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3-M4 रॉकेट के जरिए ‘चंद्रयान-3’ का सफल प्रक्षेपण किया था। चंद्रयान-3 के मिशन मून पर निकलने के साथ ही इसके लॉन्च को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह के वीडियो वायरल होने लगे। इन्हीं में से एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि एक यात्री विमान में बैठे पैसेंजर ने चंद्रयान-3 के लॉन्च का प्लेन की विंडो सीट से नजारा रिकॉर्ड किया है। वायरल हो रहे इस वीडियो का इंडिया टीवी की टीम ने जब फैक्ट चेक किया तो ये वीडियो चंद्रयान-3 का नहीं बल्कि साल 2022 का निकला।

वायरल वीडियो के साथ किए गए ये गलत दावे
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रमा की सतह की शोध करने के लिए अपना तीसरा मून मिशन चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। चंद्रयान-3 के लॉन्च होने कुछ देर बाद इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल होने लगा जिसके साथ दावा किया गया, "चंद्रयान-3 लॉन्चिंग वीडियो! प्लेन की विंडो सीट से यात्री ने देखा चंद्रयान-3 का ऐसा सीन।"

जब हमने इसपर और सर्च किया तो यही वीडियो एक दूसरे गलत दावे के साथ भी शेयर किया जा रहा था, जिसपर लिखा था, "इंडिगो की एक फ्लाइट ढाका से चेन्नई जा रही थी। इत्तेफाक से ये चंद्रयान-3 के लॉन्च के वक्त श्रीहरिकोटा के ऊपर से गुजर रही थी। इस दौरान प्लेन के पायलट ने ये घोषणा की सभी यात्री इस ऐतिहासिक घटना को देख सकते हैं। विंडो सीट पर बैठे एक यात्री ने इसका वीडियो रिकॉर्ड कर लिया और ये उस रॉकेट का आसमान से रिकॉर्ड हुआ सबसे पहला वीडियो है।"

Image Source : VIDEO GRABरॉकेट लान्चिंग के वीडियो के साथ किया गया गलत दावा

इंडिया टीवी ने वायरल वीडियो का किया फैक्ट चेक
जब हमने इस वीडियो का फैक्टचेक किया तो सबसे पहले वीडियो के कुछ कीफ्रेम का रिवर्स सर्च किया। रिवर्स सर्च में 16 दिसंबर 2022 का एक न्यूज आर्टटिकल सामने आया। ये आर्टिकल Independent वेवसाइट पर पब्लिश किया गया था। इसमें भी यही वीडियो लगाया गया था लेकिन वीडियो एक दूसरी घटना का था। इस न्यूज आर्टिकल में वीडियो अमेरिका का बताया गया है। इसमें एक टिकटॉक यूजर के इस वीडियो को लेकर कहा गया है कि ये फ्लोरिडा में केप कैनावेरल के पास से उड़ान भर रहे एक विमान में यात्रियों ने स्पेसएक्स रॉकेट लॉन्च को देखा। इसमें लिखा टिकटॉक यूजर @chefpinkpr एक फ्लाइट अटेंडेंट है जिन्होंने विमान यात्रा के दौरान उस पल का एक वीडियो साझा किया। इस न्यूज आर्टिकल में इस वायरल वीडियो को एलन मस्क की स्पेस एजेंसी स्पेसएक्स के रॉकेट फालकन-9 की लॉन्चिंग का बताया है।

SpaceX के फालकन-9 का वीडियो 
इसी वीडियो को लेकर भारतीय न्यूज संस्थान NDTV ने भी एक खबर इसी साल 16 फरवरी में प्रकाशित की थी। इस न्यूज आर्टिकल में भी द डेली स्टार के हवाले से ये दावा किया गया था, "फ्लोरिडा के केप कैनावेरल के ऊपर यूनाइटेड एयरलाइंस की प्लाइट के यात्री एक रॉकेट लॉन्च को देखकर हैरान रह गए। एक यूजर ने स्पेसएक्स फाल्कन 9 के लॉन्च का वीडियो रिकॉर्ड किया और यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया।" 

Image Source : GOOGLEवायरल वीडियो में दिख रहा लॉन्चिंग पैड अमेरिका के फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर के पास स्थित है

वीडियो में देखकर हमने उस लॉन्चिंग पैड को भी जियोलोकेट किया है। हमारी पड़ताल में पता लगा कि ये लॉन्चपैड 39ए है जो अमेरिका के फ्लोरिडा में कैनेडी स्पेस सेंटर के पास स्थित है। ये अमेरिकी स्पेस एजेंली नासा द्वारा मैनेज किया जाता है। 

इंडिया टीवी फैक्ट चेक टीम की पड़ताल में क्या पता चला?

  1. इंडिया टीवी ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि ये वीडियो चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग से काफी पहले का है, ना कि 14 जुलाई 2023 का। इसके अवाला इस वीडियो में प्लेन के यात्री अग्रेजी में बात कर रहे हैं जो कि अमेरिकी लहजे की समझ आ रही है। इतना ही नहीं प्लेन के पायलट की अनाउंसमेंट भी अमेरिकन स्टाइल की समझ आ रही है।
  2. हमारे फैक्ट चेक में ये साफ हो गया कि ये वायरल वीडियो चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग का नहीं है। साथ ही ये वीडियो भारत में या किसी भारतीय फ्लाइट में भी नहीं रिकॉर्ड किया गया है। फैक्ट चेक में ये भी पता चला कि वीडियो में दिख रहा लॉन्चिंग पैड भी इसरो का श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर नहीं है। 
  3. चूंकि स्पेसएक्स बीते कई सालों में कई दफा अपने फालकन-9 रॉकेट को लॉन्च कर चुकी है और यह रॉक्ट लॉन्च होने के बाद वापस अपने लिफ्टऑफ प्वाइट पर लैंड करने में सक्षम होते हैं। लिहाजा अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि ये स्पेसएक्स के रॉकेट फालकन-9 की लॉन्चिंग वीडियो की असल तारीख क्या है। 

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