Fact Check: चंद्रयान-3 ने नहीं लिया चांद का ये वीडियो, NASA ने 2020 में किया था जारी
चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त के चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कर ली है, लेकिन इस बीच फेसबुक पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ दृश्यों के साथ दावा किया जा रहा है कि ये चंद्रयान-3 ने लिए हैं। हमने जब इसका फैक्ट चेक किया तो ये वीडियो भ्रामक निकला।
India TV Fact Check: इसरो के चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त के चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करके इतिहास रच दिया है। चांद पर लैंडिंग से पहले चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर ने चांद की सतह की कई सारी तस्वीरें भी भेजी हैं। सोशल मीडिया पर चंद्रयान-3 मिशन की बताकर कई सारी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रही हैं। इनमें से कई सारी भ्रामक भी हैं। ऐसा ही एक वीडियो हमारे सामने आया, जिसमें दावा किया जा रहा है कि ये चांद का 'इनसाइड व्यू' है और चंद्रयान-3 ने ये तस्वीरें ली हैं। इंडिया टीवी की फैक्ट चेक टीम ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो सच कुछ और ही सामने आया।
क्या है वायरल वीडियो के साथ दावा
दरअसल, फेसबुक पर ये वीडियो 'सोनू गोल्डन भाई' के यूजर ने पोस्ट किया है। ये वीडियो 23 अगस्त को पोस्ट किया गया है। इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, "Moon Inside View capture by Ch-3 23, अगस्त को इतिहास रचेगा chandrayaan-3, सभी ईश्वर से प्रार्थना करें शुभकामनाएं दे।" वीडियो में चांद की सतह का काफी क्लोज व्यू दिख रहा है और ऐसा लग रहा है कि कैमरा चांद की सतह से ऊपर ऑर्बिट में घूमते हुए वीडियो रिकॉर्ड कर रहा है। इस वीडियो में अलग-अलग एंगल से चांद की सतह दिख रही है। वीडियो को इस तरह से पेश किया जा रह है कि चांद की ये तस्वीरें चंद्रयान-3 ने ली हैं।
इंडिया टीवी ने किया फैक्ट चेक
हमने इस वीडियो को सबसे पहले तो ध्यान से देखा। इसके बाद हमने इस वीडियो के कुछ कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया। इस सर्च में हमारे सामने कई सारे रिजल्ट सामने आए। इस दौरान अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की एक रिपोर्ट भी दिखी जिसमें हमारे वीडियो के कीफ्रेम से मेल खाती तस्वीरें दिख रही थीं। इस दौरान हमारी नजर वीडियो के एक और कीफ्रेम पर पड़ी जिसमें दूर से पृथ्वी दिख रही थी और टेक्ट में लिखा था, "Once Earth was finally back within sight. the astronauts were able to reestablish radio contact with Mission Control." इस लाइन का मतलब हआ, 'जब पृथ्वी आख़िरकार वापस दिखने लगी तो अंतरिक्ष यात्री मिशन कंट्रोल के साथ रेडियो संपर्क फिर से स्थापित करने में सक्षम थे।' इस बात से अब संदेह पैदा होना शुरू हो चुका था कि ये वीडियो चंद्रयान-3 का नहीं है, क्योंकि इसरो का ये मिशन पूरी तरह से मानव रहित है। लेकिन इस वीडियो में अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में बात की जा रही है।
Apollo-13 के निकले असली विजुअल
हमें कीफ्रेम रिवर्स सर्च के दौरान नासा की जो रिपोर्ट मिली थी, हम उसपर गए और पड़ताल को आगे बढ़ाया। ये रिपोर्ट NASA की वेबसाइट Scientific Visualization Studio पर 24 फरवरी 2020 को पब्लिश की गई थी। नासा की ये रिपोर्ट उसके अपोलो-13 मिशन के बारे में थे, इसका टाइटल है- Apollo 13 Moon View Using LRO Data. इस रिपोर्ट के अंदर बारी-बारी से हमारे सामने वो सारी तस्वीरें और दृश्य सामने आने लगे जो वायरल वीडियो में दिख रहे थे। इसे जब हमने ध्यान से पढ़ा तो पता चला कि इन विज़ुअलाइज़ेशन को Apollo-13 से मिले डाटा को विज़ुअलाइज़ेशन के बाद तैयार किया गया है। नासा की इस रिपोर्ट के अनुसार ये विजुअल 1970 के अपोलो-13 मिशन के दौरान लिए गए मल्टीमीडिया डेटा का इस्तेमाल करके उसे टेक्नोलॉजी के माध्यम से बनाया गया है।
पड़ताल में मिला NASA का असली वीडियो
इसके बाद हमने अपनी पड़ताल को और पुख्ता करने के लिए थोड़ा और सर्च किया तो सर्च रिजल्ट में एक वीडियो मिली जो NASA के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड थी। ये वीडियो नासा के यूट्यूब चैनल पर 24 फरवरी 2020 को अपलोड की गई थी। इसका टाइटल है- Apollo 13 Views of the Moon in 4K. नासा ने इस वीडियो में चांद के कुछ आश्चर्यजनक दृश्यों को रीक्रिएट करके दिखाया है। ये तस्वीरें लूनर रिकोनिसेंस ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान से लिए गए डेटा का उपयोग करके बनाई गई हैं, जिसे अपोलो-13 के अंतरिक्ष यात्रियों ने 1970 में अपने मिशन के दौरान लिया था। NASA के इस वीडियो में हमें वो सारे दृश्य दिखे जो फेसबुक पर वायरल हो रहे वीडियो में चंद्रयान-3 के बताए गए हैं।
हमारी पड़ताल में ये पता लगा कि फेसबुक पर चंद्रयान-3 का बताकर वायरल किया जाने वाला वीडियो भ्रामक है। वीडियो के कीफ्रेम के आधार पर मिली NASA की रिपोर्ट और Apollo-13 के डाटा से बनकर तैयार हुआ असली वीडियो ये बात पुख्ता कर रहा है कि उक्त वीडियो चंद्रयान-3 से संबंधित नहीं है।
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