Fact Check: नूंह का नहीं है रोती लड़की का ये वीडियो, दिल्ली में झुग्गियां तोड़े जाने के बाद हुई थी बेघर
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसे नूंह हिंसा के बाद हुए अवैध बस्तियों के ध्वस्तीकरण से जोड़कर बताया जा रहा है। इस वीडियो का जब हमने फैक्ट चेक किया तो सच कुछ और ही सामने आया।
India TV Fact Check: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई को एक धार्मिक यात्रा के दौरान व्यापक स्तर पर हिंसा हुई थी। इस हिंसा के बाद राज्य सरकार ने एक्शन लेते हुए कई आरोपियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया था। नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के संबंध में अब तक कुल 393 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 118 अन्य को हिरासत में लिया गया है। नूंह हिंसा से जुड़े कई सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा रहे हैं। इनमें से कई सारे वीडियो फर्जी या फिर फर्जी दावों के साथ शेयर किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक लड़की रोती हुई दिख रही है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि नूंह में इस लड़की का घर तोड़ दिया गया और ये अब बेघर हो गई। जब इंडिया टीवी फैक्ट चेक टीम ने इस वीडियो की पड़ताल की तो सच कुछ और ही सामने आया।
क्या है वायरल वीडियो के साथ दावा?
दरअसल, एक तौकीर अहमद नाम के फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है। इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, फ्यूचर भी टूट गया... हरियाणा के नूंह की एक गरीब मुस्लिम लड़की अधिकारियों द्वारा उसके घर को ध्वस्त किए जाने के बाद अपने दर्द के बारे में बात कर रही है।" 59 सेकेंड के इस वीडियो में लड़की बता रही है कि वह पढ़ाई करती है और डॉक्टर बनना चाहती है। जब रिपोर्टर उससे कहता है कि अब तो घर टूट गया, तो लड़की कहता है, "फ्यूचर भी टूट गया। नया घर नहीं ले सकते, मम्मी-पापा उतना कमाते नहीं है कि हम कहीं किराए से रह सकें। तो रातभर हम फुटपाथ पर रहे थे और एक कोठी से एक आंटी एक-दो रोटी दे गई थीं। किताबें भी सारी घर में ही दब गईं, कोई सामान भी नहीं निकालने दिया।"
इस वीडियो को कई सारे लोग इस दावे के साथ शेयर कर रहे हैं कि नूंह हिंसा के बाद उपद्रवियों के अवैध घरों पर चले प्रशासन के बुलडोजर के कारण ये बेघगर हो गई है। सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को नूंह का बताकर वायरल कर रहे हैं।
इंडिया टीवी ने किया फैक्ट चेक
जब इस वायरल वीडियो को हमने ध्यान से देखा तो हमें इसमें एक डिजिटल न्यूज संस्थान लल्लनटॉप का माइक दिखा। फिर हमने गूगल पर पर 'bulldozer lallantop' जैसे सर्च कीवर्ड के साथ सर्च करना शुरू किया तो कई सारे वीडियो सामने आए। इन वीडियो की लिस्ट में ही दूसरे नंबर पर पीले कपड़ों में एक लड़की दिखी जिसका चेहरा भी फेसबुक वाली वायरल वीडियो में दिख रही लड़की के जैसा दिख रहा था। हमने इस वीडियो पर क्लिक किया और इसे देखना शुरू किया।
पड़ताल में मिला असली वीडियो
हमारी पड़ताल के दौरान असली वाला वीडियो हमें लल्लनटॉप के यूट्यूब चैनल पर मिला। ये वीडियो 19 जून 2023 को अपलोड किया गया था। हरियाणा के नूंह में हिंसा 31 जुलाई को हुई थी। यानी कि ये वीडियो नूंह हिंसा में चले बलुडोजर से करीब एक महीने पहले का है। जब असली वीडियो को हमने देखा तो पता चला कि दिल्ली के वसंत कुंज स्थित प्रियंका गांधी कैंप में झुग्गियों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई थी। उस दौरान अधिकारियों ने वसंत कुंज के पास प्रियंका गांधी शिविर में रहने वाले कई परिवारों के अस्थायी घरों को ध्वस्त कर दिया था, जिससे वहां रहे परिवारों का विस्थापन हुआ था। इस वीडियो में झुग्गियों में रहने वाले लोगों ने दावा किया कि उन्हें अपना सामान तक निकालने की अनुमति नहीं दी गई, और जब उन्होंने इसके लिए जिद की तो पुलिस ने उनके साथ मौखिक दुर्व्यवहार किया।
दिल्ली के वसंत कुंज में चला था बुलडोजर
दिल्ली के वसंत कुंज में बने इस शिविर में लगभग एक दशक से 500 से अधिक लोग रह रहे थे। दिल्ली उच्च न्यायालय के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई पर रोक लगाने के बावजूद भी दिल्ली शहरी स्लम सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) ने अपनी कार्रवाई जारी रखी। इस जमीन पर पहले इस शिविर का कब्जा था, जिसे अब राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को आवंटित कर दिया गया है। 16 जून 2023 की सुबह NDRF अपने साथ बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स बुलडोजर और कई ट्रक लेकर यहां पहुंची थी और इन लोगों को झुग्गियों से बाहर निकालकर इनके घरों पर बुलडोजर चला दिया था। ये लोग यहा 10 साल से ज्यादा समय से रह रहे थे।
इंडिया टीवी के फैक्ट चेक में नूंह हिंसा के बाद बुलडोजर एक्शन का बताया जाने वाला ये वीडियो भ्रामक निकला। ये वीडियो असल में नूंह हिंसा से करीब एक महीना पहले दिल्ली के वसंत कुंज में हुए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद का है।
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