A
Hindi News फैक्ट चेक Fact Check: पितृ पक्ष में प्रकट नहीं होती ये चमत्कारिक नदी, कुछ और ही निकला मामला

Fact Check: पितृ पक्ष में प्रकट नहीं होती ये चमत्कारिक नदी, कुछ और ही निकला मामला

सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ वायरल हो रही है कि ये एक चमत्तकारिक नदी है और केवल पितृ पक्ष की अमावस्या को प्रकट होती है। लेकिन जब हमने इसका फैक्ट चेक किया तो ये वीडियो कावेरी नदी का साल 2019 का निकला।

fact check- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कावेरी नदी से संबधित वायरल वीडियो का फैक्ट चेक

India TV Fact Check: सोशल मीडिया पर कोई भी चीज अगर गलत फैक्ट और दावे के साथ शेयर कर दी जाए तो वह बहुत तेजी से वायरल हो जाती है। इसी तरह का एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में एक सूखी जगह पर नदी का पानी आता हुआ दिख रहा है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि ये दक्षिण भारत की एक चमत्तकारिक नदी है जो पितृ पक्ष की अमावस्या को प्रकट होती है। जब हमने इस वीडियो का फैक्ट चेक किया तो ये कोई चमत्तकारिक घटना नहीं बल्कि एक पुराना वीडियो निकला, जब कावेरी नदी का पानी छोड़ा गया था।

क्या हो रहा वायरल?
दरअसल, फेसबुक पर 'Astrologer Tript Shastri' नाम के एक यूजर ने ये वीडियो पोस्ट किया है। ये वीडियो 30 सितंबर को पोस्ट किया गया है और इसपर 81 हजार से ज्यादा लाइक हैं और इसे 10 हजार से ज्यादा लोगों ने शेयर भी किया है। इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, "दक्षिण भारत की यह नदी पितृ पक्ष की अमावस्या को प्रकट होती है और दीपावली के दिन अमावस्या को विलीन हो जाती है... सिर्फ एक महीना... है ना प्रकृति का अदभुत  चमत्कार?"

Image Source : screenshot फेसबुक पर वायरल हो रहा ये वीडियो

इस वीडियो में दिख रहा है कि एक सूखी जमीन पर अचानक से कहीं से खूब सारा पानी आ रहा है। ऐसा लग रहा है कि मानो कोई छोटी सी नहर पीछे से छोड़ दी गई हो। वीडियो के बैकग्राउंड में कोई धार्मिक संगीत भी चल रहा है। इस अचानक आती हुई पानी की धारा को कुछ लोग खड़े होकर देख रहे हैं। कुछ लोग इसे हाथ जोड़कर प्रणाम कर रहे हैं तो कुछ इसके पानी को छूकर तो कुछ दंडवत होकर प्रणाम कर रहे हैं। देखते ही देखते उस पूरे इलाके को पानी की धारा ढक लेती है। ये पानी बेहद कम स्तर का है और किसी नदी से तुलना करने के लायक नाकाफी है।

इंडिया टीवी ने किया फैक्ट चेक
जब हमने इस वीडियो को ध्यान से देखा तो हमने इसके कुछ कीफ्रेम्स को अलग अलग किया। इसके बाद फिर हमने इन अलग-अलग कीफ्रेम को गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें कुछ और सोशल मीडिया पोस्ट मिले जो कुछ और ही दावा कर रहे थे। X पर एक @SinghalSailesh नाम के यूजर ने भी इस वीडियो का छोटा सा क्लिप डाला था, जिसके साथ कैप्शन में उसने लिखा है, "यह खूबसूरत है जब हम प्रकृति को अपनी मां मानते हैं... भारत के तमिलनाडु में कावेरी नदी का स्वागत और पूजा करते किसान।" ये वीडियो 13 अक्टूबर 2021 को पोस्ट किया गया था।

अब तक ये तो साफ होने लगा था कि वायरल वीडियो हाल का नहीं है बल्कि कई साल पुराना है। इसके बाद हमने शैलेश सिंघल के ट्वीट से मिले कीवर्ड्स को गूगल पर जाकर सर्च किया। जब हमने गूगल पर 'Farmers welcoming Cauvery River in Tamilnadu' डालकर सर्च किया तो हमें एक यूट्यूब चैनल पर वीडियो मिली। Public TV Bharat नाम का ये चैनल कोई लोकल मीडिया द्वारा संचालित लगता है। इस यूट्यूब चैनल पर ये वीडियो 28 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया है और इसके शीर्षक में लिखा है- Farmers welcoming Kaveri (Cauvery) River to Tamil Nadu (तमिलनाडु में कावेरी नदी का स्वागत करते किसान) यहां तक ये साफ होने लगा था कि ये वीडियो कई साल पुराना तमिलनाडु में कावेरी नदी के पहुंचने के दौरान का है जब किसान इसका स्वागत करने के लिए उमड़ पड़े थे।

अब हमने तमिलनाडु में कावेरी नदी के पहुंचने की इस घटना के बारे में पड़ताल शुरू की। जब गूगल पर इस घटना से मितले जुलते कीवर्ड डालकर हमने सर्च किया तो कई सारी पुरानी खबरें हमारे सामने आईं। इस दौरान हमें Indian Express की एक खबर मिली जो 22 जून 2020 को प्रकाशित की गई थी। इस खबर का शीर्षक था- Locals rejoice as Cauvery, Vennaru water enters Nagapattinam ahead of paddy cultivation (धान की खेती से पहले कावेरी, वेन्नारु का पानी नागपट्टिनम में प्रवेश करने से स्थानीय लोग खुश) बता दें कि नागपट्टिनम कस्बा तमिलनाडु राज्य में पड़ता है।  इस खबर के अनुसार, नागपट्टिनम में लोगों में खुशी लहर है क्योंकि कुरुवई धान की खेती के समय से पहले, नौ साल में पहली बार कावेरी और वेन्नारु नदियों ने जिले में प्रवेश किया है। कीझायुर ब्लॉक के एरायनकुडी में पांडवैयारु नदी तक पानी पहुंचने पर अधिकारियों, किसानों ने जश्न मनाया। इंडियन एक्सप्रेस की  इस खबर से तमिलनाडु में कावेरी नदी के किसानों द्वारा स्वागत वाली घटना की पुष्टि हो गई।

Image Source : Screenshot इंडियन एक्सप्रेस पर मिली खबर

जब हमने इसके बारे में और जाना तो पता चला कि कावेरी नदी तमिलनाडु और कर्नाटक में लाखों किसानों की आजीविका का साधन है। कावेरी नदी का पानी, साल 2020 में 16 जून को कल्लनई बांध से ग्रांड अनाईकट नहर में छोड़ा गया था। कावेरी का पानी 12 जून 2020 को मेट्टूर बांध से छोड़ा गया था, जो बाद में मुक्कोंबु और कल्लनई बांधों तक पहुंचा।

फैक्ट चेक में क्या निकला?
इंडिया टीवी ने जब इस वायरल वीडियो का फैक्ट चेक किया तो ये साफ हुआ कि कोई चमत्कारिक घटना नहीं है और ना ही ये नदी पितृ पक्ष की अमावस्या को प्रकट होती है। बल्कि ये कावेरी नदी तमिलनाडु में करीब 9 साल के इंतजार के बाद नागपट्टिनम में प्रवेश हुई थी, जिसकी पुष्टि इंडियन एक्सप्रेस की खबर से हुई। 

ये भी पढ़ें-
Fact Check: विराट कोहली ने नहीं किया पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के स्वागत में पोस्ट, सामने आया सच

Fact Check: वंदे भारत ट्रेन की लोको पायलट नहीं, बल्कि TTE हैं ये महिलाकर्मी, गलत दावे के साथ वीडियो वायरल