Fact Check: भारत में नहीं आया चीन का निमोनिया, स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज कीं मीडिया रिपोर्ट
सोशल मीडिया समेत तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया था कि चीन में फैल रहे रहस्यमयी निमोनिया के 7 केस दिल्ली के AIIMS में पाए गए हैं। इसके बाद जब यह खबर तेजी से फैलने लगी तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस खबर का खंडन किया है।
चीन में पिछले कुछ समय से एक रहस्यमयी निमोनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। माइकोप्लाज्मा निमोनिया, नामक इस रोग से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए। इसी बीच बीते दिनों भारत में भी कई मीडिया रिपोर्ट्स ने इस खबर को प्रसारित किया था कि अब हमारे देश में भी चीन के इस निमोनिया के मामले पाए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि दिल्ली के एम्स में इस निमोनिया के 7 सैंपल पॉजिटिव मिले हैं। लेकिन अब इन दावों का खुद भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने खंडन किया है।
चीनी निमोनिया को लेकर क्या किया दावा?
दरअसल, कई सारे मीडिया संस्थानों ने ये खबर दिखाई थी कि दिल्ली स्थित AIIMS में चीन में फैले माइकोप्लाज्मा निमोनिया के 7 मामले पाए गए हैं। इसके बाद ये खबर सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई। कई सारे लोगों ने इसके लेकर ट्वीट भी किए हैं। एक X यूजर @Mukesh69972949 ने 7 दिसंबर 2023 को किए अपने ट्वीट में लेटेस्ट ली की खबर को रीपोस्ट करते हुए लिखा है, "China Pneumonia Cases in india: भारत में मिले चीन में फैल रहे माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मरीज, AIIMS में आए 7 पॉजिटिव केस"
इसी तरह एक और X यूजर @stockskibaat ने भी 7 दिसंबर को टाइम्स नाउ की खबर रीपोस्ट करते हुए लिखा, "एम्स दिल्ली में एम-निमोनिया के 7 पॉजिटिव सैंपल की रिपोर्ट आई है - ये बैक्टीरिया चीन के निमोनिया उछाल से जुड़ा हुआ है। यह वही मामला है जो पूरे चीन में बच्चों में सांस की बीमारी के अचानक बढ़ने से जुड़ा है।" (कैप्शन को अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद किया गया है)
भारत सरकार ने किया खंडन
जब ये खबर वायरस की तरह फैलने लगी तो खुद भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस भ्रामक जानकारी और तमाम मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने X पर किए अपने ट्वीट में कहा, "चीन में हाल ही में निमोनिया के मामलों में वृद्धि से जुड़े एम्स दिल्ली में बैक्टीरिया के मामलों का पता लगने का दावा करने वाली मीडिया रिपोर्टें भ्रामक और गलत हैं। माइकोप्लाज्मा निमोनिया समुदाय-अधिग्रहित निमोनिया का सबसे आम जीवाणु कारक है। एम्स दिल्ली में निमोनिया के मामलों का चीन में बच्चों में श्वसन संक्रमण में हालिया वृद्धि से कोई संबंध नहीं है।"
ये भी बता दें कि उत्तरी चीन में बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि के मद्देनजर भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को तुरंत सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा करने की सलाह दी है।
चीन में बहुत तेजी से फैल रहा निमोनिया
WHO ने कहा कि उत्तरी चीन में पिछले तीन सालों की तुलना में अक्टूबर के मध्य से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों में वृद्धि दर्ज की गई थी। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस स्थिति पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है, लेकिन वे यह बात पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों में हालिया वृद्धि किसी नए वैश्विक संक्रमण की शुरुआत का संकेत है या नहीं। महामारी फैला सकने वाले किसी वायरस के संक्रमण की शुरुआत आम तौर पर श्वसन संबंधी बीमारी के अज्ञात स्वरूप से शुरू होती है। सार्स और कोविड-19 दोनों को सबसे पहले असामान्य प्रकार का निमोनिया बताया गया था। वहीं चीन में इन दिनों फैल रही श्वसन संबंधी बीमारी मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा, निमोनिया और सार्स-सीओवी-2 जैसे रोगों के लिए जिम्मेदार है।
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