Fact Check: कैंसर ठीक करने के दावे वाला मैसेज झूठा, शुगर-फ्री डाइट, गर्म नींबू पानी और नारियल तेल पीने से ठीक नहीं होती ये जानलेवा बीमारी
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें किसी 'डॉ गुप्ता' के हवाले से दावा किया जा रहा है कि शुगर का सेवन बंद करने, गर्म नींबू-पानी और ऑर्गेनिक नारियल तेल पीने से कैंसर ठीक हो जाता है। हमने इस दावे की पड़ताल की और इसे गलत पाया।
India TV Fact Check: हेल्थ से जुड़ी हर एक जानकारी आजकल इंटरनेट पर उपलब्ध है। इसके अच्छे और बुरे दोनो ही परिणाम हैं। लेकिन जब यही जानकारी रिसर्च पेपरों से निकलकर सोशल मीडिया और आपके व्हाट्सऐप तक पहुंचती है तो काफी हद तक भ्रामक हो जाती है और जब मामला स्वास्थ्य से जुड़ा हो तो और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। ऐसा ही एक मैसेज हेल्थ को लेकर वायरल हो रहा है, जिसमें किसी 'डॉ गुप्ता' के हवाले से दावा किया जा रहा है कि शुगर का सेवन बंद करने, गर्म नींबू-पानी और ऑर्गेनिक नारियल तेल पीने से कैंसर ठीक हो जाता है। इंडिया टीवी फैक्ट चेक टीम ने जब इस वायरल पोस्ट की पड़ताल की तो कुछ और ही सच सामने आया।
वायरल पोस्ट में क्या है दावा?
ये वायरल पोस्ट फेसबुक पर एक 'मस्त इंडिया' (mast India) नाम के यूजर ने शेयर की है, जिसमें किसी वरिष्ठ से दिखने वाले डॉक्टर के कपड़ों में एक व्यक्ति की फोटो के साथ लंबा सा मैसेज लिखा है। इस पोस्ट में लिखा है-
कैंसर कोई खतरनाक बीमारी नहीं है!
डॉ. गुप्ता कहते हैं, लापरवाही के अलावा कैंसर से किसी की मौत नहीं होनी चाहिए।
(1) पहला कदम चीनी का सेवन बंद करना है। आपके शरीर में चीनी के बिना, कैंसर कोशिकाएं स्वाभाविक रूप से मर जाती हैं।
(2) दूसरा कदम यह है कि एक कप गर्म पानी में नींबू का रस मिलाएं और इसे सुबह भोजन से पहले 1-3 महीने तक पिएं और कैंसर खत्म हो जाएगा। मैरीलैंड मेडिकल रिसर्च के अनुसार, गर्म नींबू पानी कीमोथेरेपी से 1000 गुना बेहतर, मजबूत और सुरक्षित है।
(3) तीसरा कदम है सुबह और रात को 3 बड़े चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल पिएं, कैंसर गायब हो जाएगा। आप चीनी से परहेज सहित अन्य दो उपचारों में से कोई भी चुन सकते हैं।
अज्ञानता एक बहाना नहीं है। मैं यह जानकारी 5 वर्षों से अधिक समय से साझा कर रहा हूं। अपने आस-पास के सभी लोगों को बताएं, कैंसर से मरना किसी के लिए भी अपमान है; जीवन बचाने के लिए व्यापक रूप से साझा करें।
सीधे-सीधे समझें तो इस वायरल पोस्ट में कथित डॉ गुप्ता के हवाले से ये दावा किया जा रहा है कि कैंसर का इलाज शुगर-फ्री डाइट लेकर और गर्म नींबू पानी पीने से और साथ ही ऑर्गेनिक नारियल तेल पीने से ठीक हो जाता है।
इंडिया टीवी फैक्ट चेक टीम ने की पड़ताल
इस वायरल पोस्ट में साझा की गई तस्वीर को जब हमने गूगल पर रिवर्स सर्च किया तो पाया कि इस शख्स की असली फोटो साल 9 जून 2019 को फेसबुक पर ही Aconteceu em Bertioga नाम के यूजर ने साझा की थी। इस पोस्ट में इस शख्स को डॉ. गुप्ता ही बताया गया है और इसका पूरा नाम कहीं नहीं दिया गया। इस पोस्ट में भी कैंसर को लेकर वही बातें लिखी गई थी जो हमें मिली वायरल पोस्ट में लिखी हैं।
इसके बाद हमने एक-एक करके पोस्ट में लिखे दावों के वैज्ञानिक तथ्य जुटाने शुरू किए।
पहला दावा निकला गलत
पहला दावा किया गया कि चीनी का सेवन बंद करने से कैंसर वाली कोशिकाएं मर जाती हैं। गूगल पर सर्च करने पर हमें कैंसर रिसर्च यूके का एक आर्टिकल मिला, जिसमें लिखा था, "इस बात का कोई सबूत नहीं है कि शुगर-फ्री डाइट लेने से कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है, या फिर आपके जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है।"
एबीसी न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कैंसर काउंसिल ऑस्ट्रेलिया के सीईओ प्रोफेसर सांचिया अरंडा ने बताया, "कैंसर कोशिकाओं तक चीनी की सप्लाई रोकने का मतलब यह भी होगा कि आपके शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं में आवश्यक चीनी की कमी हो जाएगी। ऐसा करने से आपका वजन कम हो जाएगा और साथ ही आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) कमजोर हो जाएगा। ऐसी स्थिति में कैंसर बढ़ने की और अधिक संभावनाएं बनेंगी।"
दूसरा दावा भी सही नहीं
इसके बाद हमने दूसरे वायरल दावा 'गर्म नींबू पानी कीमोथेरेपी से 1000 गुना बेहतर' के वैज्ञानिक तथ्य जुटाने शुरू किए। जब हमने इसके बारे में सर्च किया तो हमें नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ रिसर्च का एक अर्टिकल मिला जिसका शीर्षक था: "क्या नींबू कैंसर को रोकता है?" इस आर्टिकल के अनुसार, "ये दावे कि नींबू सभी प्रकार के कैंसर के खिलाफ एक सिद्ध उपाय है और नींबू कीमोथेरेपी से 10,000 गुना अधिक मजबूत हैं, निश्चित रूप से गलत हैं।"
इस आर्टिकल में लिखा है, "ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है जो नींबू की प्रभावशीलता की तुलना कीमोथेरेपी से कर सके।"
तीसरा दावा भी वैज्ञानिक रूप से भ्रामक
इसके बाद हमने तीसरा वायरल दावा 'ऑर्गेनिक नारियल तेल से कैंसर जाता है' से जुड़ी पड़ताल की। जब हमने गूगल सर्च किया तो वैज्ञानिकों के कुछ रिसर्च पेपर मिले। हमने नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन, जो कि अमेरिकी सरकार की एक आधिकारिक वेवसाइट है, उसे खोला। इसमें 'वर्जिन नारियल तेल की इन विट्रो एंटीकैंसर गतिविधि और लिवर और मौखिक कैंसर कोशिकाओं में इसके अंश' नाम से एक रिसर्च पेपर हमने गौर से पढ़ा। इस रिसर्च पेपर में बताया गया है कि वेज्ञानिकों ने कुछ कैंसर सेल्स पर नारियल तेल के अलग-अलग रूप के साथ परीक्षण किए। इस दौरान हर एक कैंसर सेल लाइन को वर्जिन नारियल तेल (वीसीओ), प्रसंस्कृत नारियल तेल (पीसीओ) और फ्रैक्शनेटेड नारियल तेल (एफसीओ) के अलग-अलग कंस्नट्रेशन के हिसाब से ट्रीट किया गया था।
इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने ये पाया कि वर्जिन नारियल तेल (वीसीओ), प्रसंस्कृत नारियल तेल (पीसीओ) और फ्रैक्शनेटेड नारियल तेल (एफसीओ) में कैंसर विरोधी प्रभावकारिता है और इसका उपयोग कैंसर, विशेष रूप से लीवर और मौखिक कैंसर के इलाज के लिए किया जा सकता है।
यहां गौर करने वाली बात ये है कि वैज्ञानिकों को रिसर्च में जिस तरह के नारियल तेल से कैंसर कोशिकाओं पर प्रभाव दिखा वह हमारे घरों और बाजारों में मिलने वाला खाद्य नारियल तेल नहीं है, बल्कि रिसर्च के लिए वैज्ञानिक रूप से कंट्रोल किए गए नारियल तेल के अलग-अलग कंसन्ट्रेशन के रूप हैं। साथ ही ये रिसर्च एक साइंस लैब के कंट्रोल्ड वातावर में सीधे कैंसर सेल्स पर किए गए परीक्षण का एक कन्क्लूजन है, ना कि ह्यूमन ट्रायल के बाद मिले नतीजे।
कैंसर को लेकर वायरल दावे को डॉक्टर ने बताया गलत
इसके बाद हमने कैंसर को लेकर वायरल दावे के बारे में दिल्ली के धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑनकोलॉजी के डायरेक्टर डॉ अंशुमान कुमार से बात की। डॉ अंशुमान कुमार ने कहा, "यह एक भ्रामक खबर है और मैं अनुरोध करता हूं कि कृपया इस प्रकार की खबरों पर ध्यान ना दें। हां, कैंसर एक घातक बीमारी है, लेकिन आजकल स्वास्थ्य जगत में कैंसर के इलाज को लेकर कई उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। जिसमें सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी द्वारा कैंसर रोगियों का इलाज किया जाता है। कैंसर से बचने के लिए इसके लक्षणों पर ध्यान देना और समय रहते इलाज अत्यंत आवश्यक है।"
डॉ. कुमार ने आगे कहा, "यदि शरीर का वजन तेजी से कम हो रहा है, त्वचा में गांठ बन रही है, पाचन संबंधित समस्या है, जोड़ों व हड्डियों से संबंधित समस्याएं, भूख कम लगना, आवाज बदल जाना, घाव को ठीक होने में अधिक समय लगना जैसे लक्षण आपको दिख रहे हैं तो तुरंत कैंसर रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। तभी समय रहते इलाज के माध्यम से आप कैंसर से उभर सकते हैं। इस प्रकार की भ्रामक खबरों पर ध्यान ना दें और कैंसर के इलाज के लिए समय रहते कैंसर रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें। विज्ञान तथ्यों पर चलता है, बेबुनियाद दावे से सिर्फ लोग गुमराह होते हैं। अगर कोई ऐसी बात है, तो शोध पत्र में प्रकाशित करें और दुनिया भर के कैंसर विशेषज्ञ की राय जाने।"
लिहाजा इंडिया टीवी फैक्ट चेक टीम ने कैंसर के इलाज को लेकर वायरल हो रहे इस दावे को पूरी तरह से गलत पाया।
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