Fact Check: रेल पटरियों पर नट बोल्ट खोलते बच्चों का वीडियो गलत दावे से वायरल, जानें इसकी सच्चाई
Fact ChecK: हर दिन सोशल मीडिया पर अनगिनत फोटो या वीडियो वायरल होते रहते हैं। लेकिन इनमें से बहुत से फेक होते हैं। ऐसा ही रेल पटरियों पर नट बोल्ट खोलते बच्चों का एक वीडियो वायरल गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है।
Fact Check: आज के समय हर दिन कुछ न कुछ वायरल होता ही रहता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ऐसे वायरल वीडियो की कोई गिनती नहीं है, जिनका सच्चाई से मीलों दूर तक कुछ भी लेना देना नहीं होता। इन्हीं फेक न्यूज से आपको सावधान करने के लिए हम लेकर आते हैं India Tv फैक्ट चेक। ऐसे ही सोशल मीडिया पर पटरियों पर नट बोल्ट खोलते बच्चों का एक वीडियो गलत दावे से खूब तेजी से वायरल हो रहा है। जब हमने इसकी जांच की तो सच्चाई कुछ और ही निकली।
क्या हो रहा वायरल?
सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियों में बच्चों को रेल पटरियों पर नट बोल्ट खोलते देखा जा सकता है। इस वीडियो को को कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया गया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए "एक विशेष पंथ के बच्चे निर्दोष लोगों के सामूहिक वध के उद्देश्य से रेलवे फिशप्लेट हटा रहे हैं।" एक्स पर इस वीडियो कई और यूजर्स ने अलग-अलग कैप्शन से भी शेयर किया है।
क्या निकली सच्चाई?
जब हमने इसकी जांच की तो सच्चाई कुछ और ही निकली। दरअसल, ये वीडियो भारत का नहीं बल्कि पाकिस्तान का है। रेलवे ट्रैक से नट-बोल्ट चुराने वाले तीन बच्चों का वायरल वीडियो पाकिस्तान के कराची का है न कि भारत का, जैसा कि सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है। हमने जब रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च रिजल्ट में कई पोस्ट में यह वीडियो दिखा जिसमें बताया गया था कि यह घटना पाकिस्तान के कराची में बोट बेसिन चौकी की है। बोट बेसिन चौकी कराची के क्लिफ्टन इलाके में स्थित एक पुलिस चौकी है।
जांच में पता चला कि यह वीडियो 6 दिसंबर, 2023 को कराची के एक स्थानीय समाचार आउटलेट - द कराची एक्सपोज़र के फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया था। पोस्ट के कैप्शन में लिखा था, "बोट बेसिन चौकी में सर ताज खान रेलवे फाटक के पास, बच्चे रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट (ज्वाइंट बार) खोलकर कबाड़ी वालों को बेच रहे हैं, यह गैरकानूनी है। बच्चे रेलवे ट्रैक के नट-बोल्ट खोलकर बैग में भर रहे हैं, जबकि उनके पीछे एक बड़ा माफिया है जो इन पुरानी चीजों को खरीदता है। पाकिस्तान सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।"
जब हमने कावर्ड की मदद से और खोज की तो 5 दिसंबर, 2023 की ‘पाकिस्तानी ट्रेन्स’ की एक पोस्ट में यह वीडियो मिला। जिससे यह साफ है कि वीडियो कम से कम आठ महीने पुराना है। इसके अलावा, वीडियो के कैप्शन में लिखा था,“सरताज खान फाटक, बोट बेसिन चौकी के पास रेलवे लाइन का कीमती सामान खूब चोरी हो रहा है। पी.एस. बोट बेसिन से अनुरोध है कि इस पर कार्रवाई की जाए।”
इससे यह बिलकुल स्पष्ट हो जाता है कि वायरल हो रहा वीडियो भारत का नहीं है और इसे गलत दावे से वायरल किया जा रहा है, जिसका भारत से कुछ भी लेना देना नहीं है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे ऐसी भ्रामक खबरों से सावधान रहें।